
शराबबंदी मामले में पकड़े जाने पर अब निचली अदालतें दे सकेंगी जमानत
पटना, निज संवाददाता
शराब मामले में पकड़े जाने या आत्मसमर्पण करने की स्थिति में निचली अदालतें जमानत दे सकेंगी. हाइकोर्ट के न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह की एकल पीठ ने शराबबंदी अभियान के तहत पकड़े गये आरोपितों के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले देते हुए कहा है कि निचली अदालतें शराब मामले में पकड़े जाने या आत्मसमर्पण करने की स्थिति में जमानत दे सकती हैं. साथ ही कहा कि यदि निचली अदालत शराब मामले में पकड़ाये या आत्मसमर्पण किये अभियुक्तों की जमानत नामंजूर करती है, तो उसे अपने आदेश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख करना होगा कि किन कारणों से उसने जमानत नामंजूर की है. इसके अलावा हाइकोर्ट ने कहा कि शराबबंदी मामले में अभियुक्त बनाये गये लोगों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी. अदालत ने स्पष्ट किया कि नयी शराब नीति कानून की धारा 76(2) के मद्देनजर किसी भी अभियुक्त को शराब के मामले में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है, जब तक कि अदालत द्वारा उक्त धारा को गैर संवैधानिक घोषित नहीं कर दिया जाता।
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