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सीडब्ल्यूसी ने बालिका को मानव तस्करों से  कराया मुक्त

सीडब्ल्यूसी ने बालिका को मानव तस्करों से कराया मुक्त

6 वर्ष बाद घर पहुंची बालिका ने समिति से लगाई न्याय की गुहार

दुमका, संवाददाता।

पकुड़िया थाना क्षेत्र की एक बालिका को 6 वर्ष पूर्व अपने ही  गांव के मानव तस्करी में संलिप्त महिला मीरु सोरेन ने चंद पैसों के खातिर 10 साल की नाबालिग लड़की को दिल्ली के मानव तस्कर  साहिल के हाथों बेच दिया था। 
बाल कल्याण समिति बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार ने बताया की दिल्ली से वापस लौटने के बाद बालिका को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया समिति के समक्ष बालिका ने बयान दिया कि दिल्ली के मादीपुर सब्जी मंडी के पास भाड़े के घर में प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले साहिल ने पहले तो एक महीना तक का योन शोषण किया। इसका काफी विरोध करने पर इसे 3 साल के कोंटेक्ट पर शिल्की आहूजा, राजोरी गार्डन डब्लू50 के घर पर काम में लगा दिया। कॉन्टेक्ट खत्म होने के बाद पुनः इसे अपना ऑफिस सह आवास ले आया वहाँ कई और लड़की थी। शाहिल फिर  से जबरन योन शोषण करने लगा विरोध करने पर मारपीट भी करता था। कुछ दिनों बाद इसे फिर से सरोजिनी गार्डन में रहने वाले मिनी मैडम के घर काम पर लगा दिया इसके एवज में मजदूरी भी साहिल ले लेता था। मिनी मैडम काफी अच्छी थी जो बालिका के गुजारिश पर घर भेजने के लिए तैयार हो गई उसी मालिक के बुटीक में टेलर का काम करने वाले दुमका जिला के रहने वाले सिजाउद्दीन मिर्जा ने भी इसे घर भिजवाने में काफी मदद किया उन्होंने अपने ससुर के माध्यम से सीडब्ल्यूसी चैयरपर्सन को सुबोध यादव के माध्यम से जानकारी दिया। लड़की सिर्फ अपना गाँव और बगल के एक गाँव का नाम बता पा रही थी। सीडब्ल्यूसी ने समाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन, मंगल मुर्मू, प्रेम प्रकाश मुर्मू, बबलू मुर्मू, गुलशन मुर्मू के सहयोग से बालिका के पिता को खोज निकाला जो पाकुड़िया थाना क्षेत्र का निकला। बच्चे के सर्वोत्तम हित को देखते हुए इसे पहले सुरक्षित वापस लाने हेतू फोन से मिनी मैडम से वार्ता होने पर समाजिक सहयोग से उनके पिता एक परिचित के साथ दिल्ली गए। इस बीच शाहिल को इसकी भनक मिलने पर उन्होंने मिनी मैडम को काफी धमकी दिया की आप इसे घर नहीं भेजें ये मेरे अंदर काम करती है। धमकी की परवाह किये बिना मिनी ने शाहिल को बांकी रुपये न देकर बालिका के पिता को कुछ रुपये देकर घर भेज दिया। बालिका और उसके पिता ने सहयोग के लिए समिति और सभी लोगों को धन्यवाद दिया। बालिका अपने पिता के साथ उपस्थित होकर समिति से न्याय की गुहार लगाई। समिति ने सभी आवश्यक कार्रवाई पूरी करते हुए इस वाद को उसके गृह जिला पाकुड़ सीडब्ल्यूसी को रेफर करने का निर्णय लिया। सुनवाई में चैयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, सदस्य शकुंतला दुबे, रमेश प्रसाद साह व रंजन कुमार सिन्हा शामिल थे।

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