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साहिबगंज में हिन्दुओ पे हो रहे अत्याचार का जीवंत उदाहरण है पूजा समिति पर धारा 107 लगाना

साहिबगंज में हिन्दुओ पे हो रहे अत्याचार का जीवंत उदाहरण है पूजा समिति पर धारा 107 लगाना

साहिबगंज में हिन्दुओ पे हो रहे अत्याचार का जीवंत उदाहरण है पूजा समिति पर धारा 107 लगाना

साहिबगंज, संवाददाता।

बम काली पूजा समिती और बायसी मन्दिर पूजा समिती के सदस्यों अधिकारियो के द्वारा दिया गया इस्तीफा के कारण अब दोनों विसर्जन रुक गया है। अब इस समिती में एक भी सदस्य नही है। प्रशासन की और से सभी सदस्यों पर 107 लगाने से सभी दुखी है। अब आज से प्रतिमा वैसे ही रहेगी दोनों पूजा समिती की जब तक कोई मसला नही निकल जाता की धारा 107 हटा के समिती के सदस्यों को आजाद नही करता प्रशासन।
प्रशासन का इस निति से हिन्दुओ को आहत हुआ है ये कहना है प्रमोद पांडे जी का।
समिती में सभी साहिबगंज की जनता जुडी हुई है सभी वेल एजुकेटेड लोग है और हर साल काफी भव्यता के साथ पूजा करती है और शांति पूर्वक शहर के सभी पूजा समिती विसर्जन जुलुस निकालती है। लेकिन प्रशासन हर साल नए नए नियम लाकर हिन्दू समाज के पूजा त्यौहार और विसर्जन को डर और ख़ौफ़ बना देती है जिससे अच्छे पड़े लिखे वेल एजुकेटेड लोग अब प्रशासन के इस रवैये से पूजा में जुड़ने से और पूजा करने से डरने लगे है। आखिर कब तक ऐसा हिन्दुओ के साथ होगा। क्या हिन्दुओ को कोई पर्व त्यौहार करने के लिए पुलिस कोर्ट दौड़ना पड़ेगा। अब हिंदुस्तान में और साहिबगंज में ये क्यों हो रहा है। की जब भी कोई पूजा त्यौहार आता है हिन्दुओ को टारगेट कर धारा 107 लगा दिया जाता है। जबकि रिकॉर्ड है आज तक साहिबगंज, झारखण्ड में हिन्दू शांतिपूर्वक मिल जुलकर पर्व त्यौहार मनाते है। फिर ये अन्याय क्यों साहिबगंज में हिन्दुओ के साथ। तब तो आने वाले 2-3 वर्षो में साहिबगंज में एक भी कोई पूजा समिती नही होगी। क्या यही चाहती है साहिबगंज प्रशासन और राज्य, केंद्र की सरकार। आखिर क्यों हम हिंदुस्तान में ही बीजेपी शासन में भी पूजा त्यौहार विसर्जन नही कर सकते। आखिर आज जो साहिबगंज, झारखण्ड के बम काली पूजा समिती गुल्ली भटटा और बायसी स्थान काली पूजा समिती के साथ जो हुआ वो क्यों हुआ। दोनों पूजा समिती में पूरा साहिबगंज बढ़ चढ कर हिस्सा लेते है और जो हुआ वो नही होना चाहिए। ये साहिबगंज में हिन्दुओ पे हो रहे अत्याचार का जीवंत उदाहरण है। और प्रशासन की और से चेतावनी की कोई पूजा नही करे वरना विभिन्न धारा लगा के समिती सदस्य/अधिकारियो को परेशान करेंगे।

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