
दौड़ते ओभर लोड ट्रक, जर्जर होते सड़क, आखिर कब मिलेगी,गढ़ों से आजादी
दौड़ते ओभर लोड ट्रक, जर्जर होते सड़क, आखिर कब मिलेगी,गढ़ों से आजादी
मिर्जाचौकी, संवाददाता।
आखिर कब मिलेगी इन खतरनाक जानलेवा गढ़ों से आजादी...???
कभी किसी नेता के कारण,तो कभी किसी समाज के ठेकेदारों के कारण,तो कभी कागजी खामियों के कारण।सब कुछ मिला कर देखा जाय तो विकास कार्य सैंकड़ों मिल दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है।जो है,बेकार व जहाँ-तहाँ कमर भर गढ़े वाली सड़कें,उसी सड़कों पर बेहतास चलती ओभर लोड ट्रक व ट्रैक्टर तथा बचती बचती सवारी गाड़ियाँ एवं छोटे वाहन।
जानकारी के अनुशार साहेबगंज का मंडरो प्रखण्ड जो की बिहार व झारखण्ड का सीमावर्ती क्षेत्र है,जहाँ से राजमहल की विशाल व विस्तृत पहाड़ अपना चरण फैलाये है,इन्हीं पहाड़ियों में साहेबगंज जिला के अंतर्गत आने वाली पहाड़ों पर खनन का कार्य होता है।जहाँ से ट्रकें भर भर के ट्रेक्टर ओभर लोड कर चिप्स स्टोन झारखण्ड से सटे कई राज्यों में सप्लाई बड़े पैमाने पर किया जाता है।इस कार्य में अनेक राज्य से चिप्स स्टोन के लिए ट्रकें आती है और ट्रकों में ओभर लोड कर माल ले जाया करती है,जिसके कारण चलती गाड़ियों तथा छोटे वाहन के लीये खतरनाक साबित हो रही है।क्योंकि इन ओभर लोड ट्रकों से चलने के कारण उससे जहाँ-तहाँ सड़कों पर पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े बिखर जातें है।इससे सड़क पर चलने वाले आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।साथ साथ दो पहिये वाहन के लिए मौत का सड़क में तब्दील होता जा रहा है,सड़के अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है।
इस क्षेत्र से इतनी भारी मात्रा में पत्थर का व्यवसाय हो रहा है,तो राजस्व विभाग को अवश्य ही आय में वृधि होती होगी।अगर उस आय का दस प्रतिशत भी इस क्षेत्र के विकास कार्य के लिए खर्च किया जाता तो इस क्षेत्र के सड़कों की बदहाली इतनी बेहाल न होती। किन्तु इस समस्या से जिला अधकारियों को क्या....??? जिला के प्रशासन को क्या...??? बस अपनी अपनी जेबें भरने में लगे है।ज्ञात हो की मिर्जाचौकी बाजार में बीते शुक्रवार की शाम जिला अधिकारी एसी सह डीटीओ अनमोल कुमार जी के द्वारा कई ओभर लोडेड व बिना चालान वाली ट्रकों को पकड़ा था। इस तरह के कार्य कभी कभी किया जाता है,लेकिन रोजाना ओभर लोड व बिना चलान के चलने वाली ट्रकों का परिचलन लगातार होता रहता है जो क्षेत्रीय प्रशासन के पीठ पीछे होता है।
जब से जिला अधिकारीयों द्वारा बिहार-झारखण्ड सीमावर्ती बेरियर हटा लिया गया है तब से इस तरह के ओभर लोड गाड़ियों के परिचालन में जोरदार बढ़ोतरी हुआ है। हालात ऐसा रहा तो राजस्व विभाग को नुकशान का सामना करना पड़ेगा ही साथ साथ इस क्षेत्र के जनता को भी अविकसित तथा जर्जर खराब सड़कों में चलने को मजबूर होना पड़ सकता है,एवं दुर्घटनाओं की सम्भावना में भी काफी इफजा हो सकता है।सौ बात की एक बात इस गम्भीर समस्या की ओर ईमानदार छवि वाले अधिकारी को ध्यान केंद्रित की आवशयक्ता है, वरण क्षेत्र विकास पे नहीं अपनी बर्बादी पर खुशियाँ मनाएंगी।
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