
करवाचौथ ऑनस्क्रीन ही नहीं,ऑफ़स्क्रीन प्यार और समर्पण
करवाचौथ ऑनस्क्रीन ही नहीं,ऑफ़स्क्रीन प्यार और समर्पण
बगहा संवाददाता, विजय कुमार शर्मा की रिपोर्ट
शादीशुदा महिलाओं के लिए करवाचौथ का त्योहार बेहद ख़ास होता है। पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ के दिन सुहागिनें व्रत रखती हैं रात को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है इस दिन सुहाग के कपड़ो को लेकर नयी दुल्हन की तरह सज कर अपने को सबसे सूंदर दिखाए जाने के लिए महिलाये कोई कसर नहीं छोड़ पाती यही वजह है करवाचौथ के कई दिन पहले से ही बाज़ारो में इसकी धूम दिखाई देने लगती है। हाथो में महेदी लगाए जाने से लेकर सजाने सवारने में घर की महिलाये कोई कमी नहीं करती बाज़ारो में इस समय इतनी रौनक हो जाती है की कई जगह को बयूटी पालरो में काफी लम्बी लाइन लगा कर अपनी बारी का इंतज़ार करती हुई महिलाओं को देखा जा सकता है।
करवाचौथ के त्योहार को देखें तो इसमें पति-पत्नी के रिश्ते की ख़ूबसूरती देखने को मिलती है। एक-दूसरे के लिए प्यार और समर्पण का भाव इस त्योहार को इतना ख़ास बना देता है कि बॉलीवुड फ़िल्मों से लेकर टी वी स्क्रीन तक में अक्सर करवा चौथ को शामिल किया जाता है।ऑनस्क्रीन ही नहीं, ऑफ़स्क्रीन भी करवा चौथ का त्योहार सेलेब्रिटीज़ के बीच काफ़ी मशहूर है। 8 अक्टूबर रविवार को करवा चौथ मनाया जा रहा है, जो ऐसे जोड़ों के लिए अधिक मायने रखता है, जिनकी शादी हाल-फ़िलहाल में ही हुई है। उनका ये पहला करवा चौथ होगा, जिसे यादगार बनाने में वो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
छांदोग्य उपनिषद् के अनुसार चंद्रमा में पुरुष रूपी ब्रह्मा की उपासना करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। साथ ही साथ इससे लंबी और पूर्ण आयु की प्राप्ति होती है। करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणोश तथा चंद्रमा का पूजन करना चाहिए। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अघ्र्य देकर पूजा होती है। पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल,उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री रखकर सास अथवा सास के समकक्ष किसी सुहागिन के पांव छूकर सुहाग सामग्री भेंट करनी चाहिए।
बाज़ारो में करवाचौथ को लेकर हाथो में महेदी लगाए जाने की परम्परा काफी पुरानी होने के बाद भी महेदी लगाए जाने का क्रेज़ बरक़रार है कहा जाता है की पहले मेहदी का रंग जितना तेज निखरेगा उतना पति अधिक प्यार करता होगा लेकिन अब बाज़ारो में कलर डाल कर महेदी के रंग को तेज किया जाता है बाज़ारो में लगाए जाने वाली महेदी ओरिजनल न होकर केमिकल युक्त हो गयी है लेकिन ग्रामीण जगह पर जा भी पत्ते वाली मेहदी को पीस कर या हरी महेदी को लगाए जाने की परम्परा जारी है लेकिन शहरो में अब सिर्फ बाज़ारो में महेदी लगाए जाने को लेकर महिलाओं को भीड़ देखि जा सकती है।
महाभारत से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार पांडव पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर चले जाते हैं। दूसरी ओर बाकी पांडवों पर कई प्रकार के संकट आन पड़ते हैं। द्रौपदी भगवान श्रीकृष्ण से उपाय पूछती हैं। वह कहते हैं कि यदि वह कार्तिक कृष्ण चतुर्थी के दिन करवाचौथ का व्रत करें तो इन सभी संकटों से मुक्ति मिल सकती है। द्रौपदी विधि विधान सहित करवाचौथ का व्रत रखती है जिससे उनके समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। इस प्रकार की कथाओं से करवा चौथ का महत्त्व हम सबके सामने आ जाता है।
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