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जरूर पढ़ें गांव के डॉक्टर झोलाछाप होते है या सेवक

जरूर पढ़ें गांव के डॉक्टर झोलाछाप होते है या सेवक

जरूर पढ़ें गांव के डॉक्टर झोलाछाप होते है या सेवक

विजय कुमार शर्मा बगहा प,च,बिहार   

                     गांव में कई वर्षों से अपने अनुभव के दम पर कार्य करने वाले आरएमपी डॉक्टर बहुत मेहनत करते है ग्रामीणों इलाको में वो एक समाज सेवा की भूमिका का रोल कर रहे है साथ साथ सरकार को भी सहयोग कर रहे है 50, 100, 200 रुपये में ग्रामीण उधार में ही दवा लेकर ठीक हो जाता है जो ग्रामीण बुखार से पीड़ित है तो अगर वो शहर का रुख कर ले तो प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर की फीस और महंगी दवा से और ज्यादा बीमार हो जाता क्योकि वो मरीज डॉक्टर को तो बोल नही सकता कि दवा महंगी वो ही बुखार 100 रुपये में ठीक होना था वो उसे 1500 में पड़ गया यहां तक कि कई ग्रामीण इलाको में सरकारी हॉस्पिटल में भी ये देखने को मिल सकता है कि जो कार्य करने वाले डॉक्टर तैनात है उनको बोलने तक कि तमीज नही होती यहां तक बोल देते है कि हॉस्पिटल का तो पाँच बजे का टाइम है अब क्या लेने आये हो इस तरह की फटकार मिलती कोई बीमारी सरकारी समय देखकर नही लगती उसको दवा ही तो देनी फिर भी इतनी अकड़ अब बात करते है आरएमपी डॉक्टर की जब सरकार इनको रोक लगाना चाहती है तो सबसे पहले सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में कार्य करने वालो की सैलरी एक समान हो न कि 5 / 7 हजार देकर काम करवाते रहो और साथ साथ नियम ये हो कि जो भी प्राइवेट हॉस्पिटल कंपाउंडर रखता है वो कम से कम उसके पास मेडकिल का कोई डिप्लोमा हो वो ही प्राइवेट हॉस्पिटल में काम कर सकता है।  तो ये इन डॉक्टर पर कम से कम मेहनत करके भी ये झोलाछाप वाला धबा नही मिटा सकते आज के जमाने मे आप कभी खुद देख लेना डॉक्टर सिर्फ प्राइवेट हॉस्पिटल में पर्ची लिखते जो दवा देते रात को ड्यूटी करते है उनसे  कभी डिग्री नही माँगता की क्या डिप्लोमा है आपके पास क्योकी उस कम्पाउण्डर के साथ हॉस्पिटल का नाम जुड़ा।  हर किसी की मजबूरी होती है सरकार को भी कोई क़दम उठाना चाहिए हर पंचायत से डॉक्टर के बारे में जानकारी लेकर उनको रजिस्ट्रेशन देनी चाहिए जो सच मे उनके पात्र है ताकि उनके कार्य और गांव में ये अपमानित शब्द झोलाछाप न बोला जाए कभी किसी गरीब ग्रामीण से पुछो आपके गांव में डॉक्टर झोलाछाप है या आपके सेवक क्योकी अगर किसी को सीने में दर्द हो गया रात को तो ये झोलाछाप ही इनको प्राथमिक उपचार देकर शहर तक जाने योग्य करते है। इसलिये डॉक्टर जो गांव में बहुत ही ईमानदारी से भी कार्य करते है इनकी इज्जत करे।

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