
नारी का सम्मान करो,मत उसका अपमान करो ,नारी है अपराजिता
नारी का सम्मान करो,मत उसका अपमान करो ,नारी है अपराजिता
विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिमी चंपारण बिहार
जी हां, जिस नारी ने पुरुष की मदद कभी अर्द्धांगिनी बन कर तो कभी मां बनकर तो कभी बहन बन कर उसकी मदद की। उसका पालन पोषण किया। उसकी रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना की। उस ममतामयी नारी को दहेज की खातिर मौत के घाट उतारना अपने ही पूर्वजों के किए हुए सुकर्म का सत्यानाश करना नहीं तो और क्या है? शायद हम सभी जानते हैं कि पुराने जमाने में जब हमारे दादा परदादा अपनी कन्याओं का विवाह करते थे। तब लक्ष्मी स्वरुपा हृदयप्रिया लाडली बेटी को अन्न, वस्त्र ,आभूषण देकर सम्मान पूर्वक विदा करते थे। क्योंकि लक्ष्मी को कोई खाली हाथ कैसे विदा करता। पर शायद वे नहीं जानते थे कि हमारे आने वाली पीढ़ी और संताने इतनी कुकर्मी ,अभागे ,अधर्मी हो जाएंगीं कि ममतामयी और सदैव करुणा की वर्षा करने वाली कन्याओ को धन के लालच में मौत के घाट उतार देंगी ।जो औरत पत्नी, मां ,बेटी ,बहन का दायित्व समय-समय पर हमारे जीवन में भूमिका अदा करती हैं। उनके लिए यह दिया जाने वाला दान मौत का फरमान होगा ।मैं आभारी हूं ,अनुमंडल पदाधिकारी श्री घनश्याम प्रसाद मीणा जी का कि उन्होंने दैनिक जागरण के आवाहन पर अपना बहुमूल्य समय निकालकर भौतिकवादी सुख की प्राप्ति के लिए पर धन पाने हेतु दहेज की ऊंची मानसिकता रहने वाले नीच लोगों को जगाने के लिए दहेज उन्मूलन जागरूकता रैली को संबोधित किया ।अनुमंडल के मैदान से उन्होंने यह संदेश दिया कि नारी क्रय- विक्रय की वस्तु नहीं बल्कि नारी सम्मान और आदर की जीती जागती मूर्ति हैं। हमें उस नारी रुपी लक्ष्मी को पाकर खुश होना चाहिए क्योंकि पुरुष को पूर्ण बनाने में उसे विकास के शिखर पर पहुंचाने में नारी का सबसे बड़ा हाथ होता है ,न कि दहेज के लिए उसे मौत के मुंह में धकेलना चाहिए। नारी है तो विश्व है ।स्वयं मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूं कि नारी के कारण नारायण कहलाने वाले भगवान विष्णु जो जग पालन करता हैं विश्व की रक्षा के लिए कभी मोहिनी दुर्गा जो नारी का ही रूप है बनकर घोर संकट से विश्व की रक्षा की विश्व को मोह के कीचड़ में डालने वाली महामाया विष्णु का प्रकृति है ।अतः जब भगवान नारायण स्वयं नारीत्व धारण किए हैं, उसके बिना उन की कल्पना नहीं की जा सकती। तो फिर नारी के बिना इस जगत का कल्पना कैसे हो सकेगा। अभी समय है हमें दहेज रुपी कुप्रथा का पूरी तरह से विरोध करना चाहिए ।दहेज लुलोपीयो को हेय दृष्टि से देखना चाहिए।उनका प्रतिकार होना चाहिए ।तभी जाकर सचमुच हमारे देश का उत्थान होगा ।मैं पुनः एक बार आभार व्यक्त करता हूं सौरभ कुमार पांडे तूफानी चौधरी जी, चिफ ब्यूरो श्री सुनील आनंद जी का और उन सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों नैतिक जागरण मंच के कार्यकर्ताओं छात्रों का जिन्होंने दहेज उन्मूलन जागरूकता रैली को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं ग्रंथों कि एक श्लोक पर जो नारीत्व की महिमा का गुणगान करता है शायद हमें सुधरने का मौका इस श्लोक से मिले। पूजनीया महाभागाःपुण्याश्च गृहदीप्तयः ।स्त्रियः श्रियो गृहस्योक्तास्तमास्माद्रक्ष्या विशेषतः।। प्रभात महा भाग्यशाली पवित्र स्त्रियां गुरुदेव पूजनीय घर को प्रकाशित करने वाली घर की लक्ष्मी घर का उठान करने वाली होती है अतः उनकी विशेष कर रक्षा करनी चाहिए।
अंत में पुनः एक बार आप जरुर दोहराएं :--दहेज न लेंगे और न देगें , यह अभियान हमारा । नारी सशक्त बने भारत यह संकल्प हमारा।।
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