
आजादी मिलने के सत्तर साल बाद मिला गाँव में रोशनी
आजादी मिलने के सत्तर साल बाद मिला गाँव में रोशनी
संवाददाता प, च, विजय कुमार शर्मा की रिपोर्ट
अंधेरे से जुझ रहा था बिहार का ये गांव ।
L&T कंपनी ने सकार किया सपना अब जाकर मिली रोशनी।
अभी भी विकास से है वंचित ये गांव ।
इंडो नेपाल सिमा पर अवस्थित है । ये भिखनाठोरी गांव ।
पश्चिमी चम्पारण गौनाहा में आजादी मिले सत्तर साल बित जाने के बाद एक बार फिर लौटी चेहरे पर मुस्कान । आजादी के सत्तर साल बित जाने के बाद बिहार के एक गांव में रोशनी पहुंची। पहाड़ की तलहटी और जंगलो में बसे इस गांव में बिजली नहीं थी। लेकिन केंद्र सरकार की योजना ‘हर घर बिजली’ के तहत आज यहां के लोग बल्ब की रोशनी देख रहे हैं और L&T कंपनी के पुरजोर प्रयास से बल्ब जला कर अंधेरे को कोसो दुर भगा दिये है ।
पहाड़ों के तलहटियों के बीच बसा गौनाहा प्रखंड का भिखना ठोरी गांव में एक महीने के अंदर 181 घर में बिजली पहुंच गयी। दुर्गम रास्ते , जंगल और पहाड़ियों के बीच बसे इस गांव में बिजली के पोल नहीं जा सकते है। लेकिन कहते है जहां चाह होती है, वहां राह निकलती है।
हर घर में रोशनी पहुंचाने के लिए 181 घरो में सोलर लाइट लगाई गयी है। एक महीने के अंदर L&T कंपनी ने पूरे गांव को रोशनी से जगमग कर दिया।
गांव के लोग घरों में बिजली पहुंचने से खुश हैं वही पढ़ाई कर रहे बच्चे काफी खुश है। वो केंद्र सरकार की योजना की जमकर सराहना कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अब हमारे बच्चे दीये की रोशनी से निकलकर बल्ब की रोशनी में पढ़ेंगे। इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि गांव पहाड़ी क्षेत्र व पंडई नदी के तट पर बसा है । इस बार आई प्रलयंकारी बाढ मे करीब तीन दर्जन परिवार का घर नदी मे विलीन हो गया । नदी में कंक्रीट बांध, मुख्य मार्ग जंगल मे पक्की सड़क और रोजगार जैसी जरूरतो को उम्मीद है कि इस चाह को भी केंद्र सरकार और राज्य सरकार पूरा करेगी।
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