
नियोजित शिक्षकों के मूल्यांकन का आदेश सरकार का तुगलकी फरमान - मार्कण्डेय पाठक
नियोजित शिक्षकों का छमाही मूल्यांकन का आदेश , 'समान काम समान वेतन'
विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिमी चंपारण बिहार
पर हाईकोर्ट के न्यायादेश से ध्यान भटकाने की कोशिश
नियोजित शिक्षकों के मूल्यांकन का आदेश सरकार का तुगलकी फरमान - मार्कण्डेय पाठक
नियोजित शिक्षकों के हर 6 महिने पर मूल्यांकन सबंधी आदेश जारी कर सरकार , 'समान काम समान वेतन' के मामले पर पटना हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने के मुद्दे से ध्यान भटकाने की नाकाम कोशिश कर रही है। कभी 'जिविका दीदी' से निरीक्षण , तो कभी शौचालय निर्माण कार्य एवं ODF में ड्यूटी,6 महिने से बिना वेतन कार्य, बिना पाठ्य-पुस्तक बच्चों को पढ़ाने और उनका मूल्यांकन जैसे परिस्थितियों से निबटने के बाद , सरकार नेयह एक नया शिगूफा छोड़ा है। TSUNSS गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक ने कहा है कि नियोजित शिक्षकों के मूल्यांकन का आदेश, सरकार के तुगलकी फरमानों कड़ी में एक नया अध्याय है। देश के किसी भी राज्य में, किसी भी सेवा शर्त में इस प्रकार के मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं है। अगर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए यह आवश्यक है तो सिर्फ नियोजित शिक्षकों का मूल्यांकन हीं क्यों ? और अगर बेहतर कार्य संस्कृति के लिए है तो पहले मंत्री , विधायक , IAS, IPS , पदाधिकारियों का हो।
TET STET शिक्षक NCTE के सभी मापदंडों को पूरा कर शिक्षक बने हैं। हम किसी भी प्रकार के मूल्यांकन से नहीं डरते हैं।
महोदय पहले आप पटना हाईकोर्ट के फैसले को लागू करें। शिक्षकों के सेवा सेवा शर्त के अनुरूप हम हर कार्य करेंगे। इससे इतर हम कोई भी आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं हैं।
इसकी सूचना संघ के जिल सोशल मीडिया प्रभारी सुनिल कुमार "राउत" नें दी।
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