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नशा के कुप्रभाव, बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर विचार विमर्श

नशा के कुप्रभाव, बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर विचार विमर्श

नशा के कुप्रभाव, बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर विचार विमर्श

विजय कुमार शर्मा बगहा पश्चिमी चंपारण बिहार

वाल्मीकिनगर स्थानीय थाना क्षेत्र के भेड़िआरी स्थिति राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बंगाली कॉलोनी के परिसर में बगहा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार, बगहा दो के उप प्रमुख, लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के समाज सेवी सुमन सिंह, संतपुर सोहारिया के मुखिया पति राजा लाल महतो की मौजूदगी में ग्रामीणों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें समाज के तीन ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई.

नशा के कुप्रभाव, बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर विचार विमर्श की गई. ग्रामीणों को बताया गया कि नशा सभी बुराइयों की जड़ है. आज के परिवेश में ग्रामीणों तथा जनप्रतिनिधियों की जागरूकता से नशा के व्यापार पर रोक लगी है और लोग नशे से विमुख भी हुए हैं. वहीं ग्रामीणों को बाल विवाह और दहेज प्रथा के प्रति जागरुक करते हुए यह बताया गया कि आप सब के संज्ञान में अगर कहीं बाल विवाह या दहेज की बात होती है, तो उसकी सूचना अपने जनप्रतिनिधि या पुलिस पदाधिकारी को दें. प्रशासन आपके सहयोग के लिए सदैव तत्पर है.

वहीं मौके पर मौजूद थारू टोला की महिला देवंती देवी ने यह बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से उनके गांव में दारू का निर्माण पूरी तरह बंद हो चुका है और ग्रामीण भी धीरे-धीरे नशे से दूरी बना रहे हैं. हालांकि दर्जनों महिलाओं ने अधिकारियों से दारू के साथ-साथ खैनी गुटखा आदि नशीली पदार्थों की बिक्री पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की गुहार लगाई.

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि दहेज लेना और देना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आता है और इन बुराइयों को समाप्त करने के लिए सामाजिक जागरुकता की बहुत जरूरत है और दहेज प्रथा, बाल विवाह और नशे का सेवन एक सामाजिक बुराई है. जिसका अंत हमें करना होगा और यह बुराई भी छुआ छूत की बीमारी की तरह स्वतः समाप्त हो ।

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