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OMG!  71 प्रिंटिंग प्रेस भी नहीं कर पाई किताबों की छपाई

OMG! 71 प्रिंटिंग प्रेस भी नहीं कर पाई किताबों की छपाई

OMG! बिहार में 71 प्रिंटिंग प्रेस भी नहीं कर पाई किताबों की छपाई

बिहार संवाददाता, विजय कुमार शर्मा
               
हर विद्यालय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत समय से किताब उपलब्ध हो इसके लिए किताबों की छपाई को 71 प्रिंटिंग प्रेस को जिम्मेवारी दी गयी थी। इसके बाद भी अभी तक 30 फीसदी स्कूल तक ही किताब पहुंच पायी है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में यह मामला सामने
आया है।
2017-18 सत्र के लिए पुस्तकों की छपाई के लिए बिहार स्टेट टेक्स्टबुक पब्लिशिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 71 प्रिंटिंग प्रेस का चयन किया था। आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने बताया कि इस बार 71 प्रिटिंग प्रेस को पुस्तकों की छपाई की जिम्मेवारी जुलाई में दी गयी थी।

लेकिन अभी तक किताबें उपलब्ध नहीं हुई हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ग एक से 8वीं तक मुफ्त किताबें दी जाती हैं। किताब सत्र शुरू होने के पहले मिल जाना चाहिए।
बिना किताब के निकल गया पूरा सत्र : सालभर बच्चे किताब का इंतजार करते रहे। पुरानी किताबों से उनकी पढ़ाई होती रही। अक्टूबर से किताबों को वितरण शुरू किया गया। अक्टूबर से अब तक 30 फीसदी किताबें ही उपलब्ध हो पायी हैं। दो महीने बाद सत्र समाप्त होगा। लेकिन बच्चों को किताबें नहीं मिली हैं। सितंबर में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा भी बिना सिलेबस पूरा किए ही आयोजित की गई है।
सभी जिलों में हैं किताबों की जरूरत
बक्सर जिला में 16 लाख किताबों की आवश्यकता है लेकिन अभी तक पांच लाख ही किताबें उपलब्ध हो पायी हैं। बाकी विद्यालयों के बच्चे बस जुगाड़ से ही पढ़ाई कर रहे हैं। औरंगाबाद जिला में 18 लाख किताब की जरूरत है, लेकिन अभी तक 30 फीसदी ही किताब पहुंच पायी है। पटना जिला में 25 लाख के लगभग किताबों की आवश्यकता है लेकिन अभी तक 35 से 40 फीसदी की किताब स्कूल तक पहुंच पायी है।

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