-->
प्लेसमेंट ड्राइव नहीं 'पलायन ड्राइव' कहिये जनाब , 27,842 युवाओं को मिली नौकरी, इनमे 21,021 युवाओ का वेतन 10 हज़ार से भी कम

प्लेसमेंट ड्राइव नहीं 'पलायन ड्राइव' कहिये जनाब , 27,842 युवाओं को मिली नौकरी, इनमे 21,021 युवाओ का वेतन 10 हज़ार से भी कम

राँची, संवाददाता।

झारखंड में चार दिन से चल रही नौकरी की भागमभाग खत्म हो गयी. आज मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सूबे के 25000 युवाओ को विभिन्न निजी कंपनियों में नियुक्ति का पत्र सौपा. रघुवर सरकार ने इस प्लेसमेंट ड्राइव के जरिये राज्य के 25,000 युवाओ को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था. प्लेसमेंट ड्राइव में सरकार के लक्ष्य से 2842 अधिक लोगों की विभिन्न कंपनियों में नियुक्ति हुई. मगर इस प्लेसमेंट ड्राइव को अगर 'पलायन ड्राइव' कहेंगे, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. क्युकी आंकड़े तो कुछ यही कहानी बयां कर रहे है.

खेलगांव में 4 दिन तक चले रोजगार मेला में तकरीबन 60 हजार लोगों ने नौकरी पाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया और उसमें से 27,842 लोगों को 31 सेक्टर की कंपनियों ने अपने यहां नौकरी देने का फैसला किया. सरकार और सरकार के अधिकारियों के लिए यह बेहद खुशी की बात हो सकती है. लेकिन, जिन लोगों ने इस रोजगार मेले से बहुत ज्यादा उम्मीदें पाली थीं, उनके लिए यह बेहद निराशाजनक भी रहा.

झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाईटी के वेब पोर्टल ‘हुनर’ (HUNAR : Hallmarking of Unrecognised Novice and Amaetur Resources) पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि देश के अलग-अलग भागों की कंपनियों ने 27,842 लोगों को नौकरी देने का फैसला किया है. लेकिन, जिन लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया या रजिस्ट्रेशन करवाया था, उनके लिए निराशा की बात यह थी कि वेतन बहुत कम मिला. वेबसाईट के मुताबिक, कंपनियों द्वारा सेलेक्ट किये गये 27,842 लोगों में से महज 6,821 लोग ऐसे हैं, जिन्हें 10,000 रुपये से अधिक वेतन मिलेंगे. यानी 21,021 लोगों को 10,000 रुपये से कम वेतन मिलेंगे.

राजधानी रांची से सबसे ज्यादा 5,927 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. इनमें से महज 1,636 लोगों को 10,000 रुपये से ज्यादा वेतन (प्रति माह) के लायक पाया गया. यह बात और है कि यहां की पूजा कुमारी को सबसे ज्यादा 1,45,000 रुपये प्रति माह वेतन का ऑफर मिला. न्यूनतम वेतन की बात करें, तो बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें 5,000 से 6,000 रुपये के बीच ही वेतन मिलेंगे.

रांची के बाद पूर्वी सिंहभूम के सबसे ज्यादा 4,903 युवाओं ने रोजगार मेला में अपना पंजीकरण कराया. इनमें से 1,421 लोगों को ही 10,000 रुपये प्रतिमाह से अधिक वेतन मिला है. इसी तरह धनबाद के 2,739 में से 742 लोगों को 10 हजार रुपये से ज्यादा मिलेंगे. बोकारो के 1,447 में से 418, हजाररीबाग के 1,946 में से 462, पलामू के 1,670 में से 122, रामगढ़ के 1,090 में से 259 और सराईकेला-खरसावां के 1,008 में से 201 युवाओं को कंपनियों ने 10 हजार रुपये देना तय किया.

पिछड़े इलाकों से कम लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया. इन्हें पैकेज भी कम ही मिला. चतरा जिले की बात करें, तो यहां से महज 312 लोगों को नौकरी के लिए कंपनियों ने चुना. इनमें से सिर्फ 64 लोगों को 10 हजार रुपये से अधिक के लायक पाया गया. देवघर के 421 में 30 लोगों को, गढ़वा के 510 में से 26 को, गोड्डा के 212 में से 16 को इस लायक पाया गया कि उन्हें 10 हजार रुपये से ज्यादा वेतन दिया जाये. पाकुड़ में महज 129 लोगों ने पंजीकरण कराया और इनमें से सिर्फ 4 को 10 हजार रुपये से अधिक का वेतन मिला.

रोजगार के लिए जाना होगा झारखंड से बाहर :

ऐसे तो रोजगार पाने की तमन्ना लिए बड़ी संख्या में राज्यभर से हज़ारो छात्र आठ जनवरी से रांची स्थित खेलगांव पहुँच रहे थे. जहाँ विभिन्न कंपनियों से इन्हे रोजगार मिलने की उम्मीद थी. मगर इन छात्रों को ना केवल वेतन के नाम पर निराशा हाथ लगी, बल्कि इन छात्रों को चपरासी तक की नौकरी करने के लिए अपने राज्य झारखंड से बाहर पलायन करना पड़ेगा. क्युकी अधिकतर कंपनियों ने इन छात्रों को 10 हज़ार से भी कम के वेतन पर सूबे के बाहर दिल्ली या नोएडा जैसे शहरो में नौकरी दी है. अब इन छात्रों के सामने सवाल है की आखिर दस हज़ार से भी कम की तनख्वाह पर झारखंड से बाहर अगर जाया भी जाए, तो गुजारा कैसे होगा.

0 Response to "प्लेसमेंट ड्राइव नहीं 'पलायन ड्राइव' कहिये जनाब , 27,842 युवाओं को मिली नौकरी, इनमे 21,021 युवाओ का वेतन 10 हज़ार से भी कम "

Ads 1

TOP CONTENT

ADS 3

ADS 4