
एमओ की लापरवाही से गरीबों का नहीं बना राशनकार्ड
हजारीबाग, संवाददाता।
झारखंड सरकार खाद्य आपूर्ति विभाग रांची के निर्देशानुसार बरही प्रखंड के एमओ कार्यालय में राशन लाभुकों का ऑनलाइन आवेदन लिया गया था। लेकिन विगत आठ महीने होने चले हैं पर अब तक एमओ द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई है।
एमओ से पूछा गया कि आपके कार्यालय में राशनकार्ड का कितना आवेदन दिया गया है। किसी पंचायत में जांच के लिए गये हैं? इस बात पर एमओ भड़क गये। एमओ अपने अधिकार क्षेत्र से बाहरी बात को बोल कर कोई भी बात बताने से इंकार किया।
संपन्न का बन जाता राशन कार्ड,जरूरतमंद काटते रहते चक्कर
ज्ञात है कि 2011 के सर्वे के अनुसार राशन कार्ड बनाया गया था। जिसके अंतर्गत जरूरतमंद लोगों का कार्ड नहीं बनकर सपन्न लोगों का कार्ड बन गया था। विदित है कि एमओ जितेश्वर सिंह के कार्यालय में सुदूर गांव चलकर आयी अत्यंत गरीब वृद्ध पुरुष ने राशनकार्ड बनाने के लिए बोला कि आपके पास आवेदन दिया गया है पर राशन कार्ड अब तक नहीं बना। तो इस विषय पर एमओ ने कहा कि अभी सीट खाली नहीं है।
आवेदक राशन कार्ड बनने को लेकर प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटते नजर आते हैं। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि गरीब तो गरीबी से परेशान है और साथ ही उनके मुंह से निवाला छीन जा रहा है। गरीब- गुरबा राशन न मिलने पर भुखमरी का दंश झेलने पर मजबूर हैं। दूसरी ओर धनी व्यक्तियों को गरीबों के मुंह का निवाला उठाकर बाजार में बिक्री कर अपना स्वार्थ साध रहें हैं।
मुखिया की मिली भगत से हो रहा गोरखधंधा
इस बाबत पर एमओ से पूछे जाने पर बताया कि एक महीना के बाद कार्डधारियों की जांच होगी। पर बीते कई माह हो गया है, अब तक कार्डधारियों की जांच नहीं की गयी है। लोगों का कहना है की एमओ और पंचायत के मुखिया के मिली भगत से सही व्यक्ति को राशनकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है।
कम दिया जाता है अनाज
लाभुक मनोज सोनी ने बताया कि डीलर महेश ठाकुर द्वारा 17 किलो अनाज में एक किलो कम अनाज दिया है। काफी झमेला किया तो फिर तौले गये कम अनाज की भरपायी कि गई। इस तरह से राशन सभी कार्डधारियों कम अनाज वितरण किया जाता है।
गोदाम से ही मिलता कम अनाज इसलिए कार्डधारी को देते हैं कम अनाज
यह गड़बड़ियां प्राय: सभी डीलर दुकानों में भी देखी जा रही है। इस बात से वरीय अधिकारी मौन क्यों है ? डीलर का कहना है कि हमें गोदाम से ही कम अनाज मिलता है, इसलिए हम इसे पूर्ति के लिए कुछ कम अनाज कार्डधारी को देना पड़ता हैं।
विडम्बना यह है कि सही अनाज वितरण न होंने व अनुपयोगी राशनकार्ड व फर्जी राशनकार्ड जांच नहीं करने पर सरकार की राशन में एमओ के अड़े गोरखधंधा चल रहा है। पंचायत प्रातिनिधि मुखिया ने बताया कि यह कार्य एमओ और संबंधित पंचायत के डीलर व मुखिया का कार्य है जो सही कार्डधारियों की जांच कर उचित व्यक्ति को राशनकार्ड मुहैया करवाये। एमओ की लापरवाही से अबतक राशनकार्ड गड़बड़ी को अबतक दूर करने की कोशिश।
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