
सामूहिक विवाह में 13 जोड़े वर वधू हुए एक दूजे के
सामूहिक विवाह में 13 जोड़े वर वधू हुए एक दूजे के
विजय कुमार शर्मा पश्चिमी चंपारण बिहार
बेतिया। लौरिया स्तिथ साहू जैन उच्च विद्यालय परिसर में शुक्रवार की रात में लौरिया के हजारों महिला पुरूष सामूहिक विवाह के गवाह बने । 13 जोड़ा वर वधू को आशीर्वाद देने से तेज आंधी, बारिश व बिजली भी न रोक सका। हां, अगर दुल्हें भी पहुचें तो रथ और घोड़े पर सवार होकर पूरे बैंड पार्टी के साथ। और तो और तेज आंधी पानी मे भी पूरा लौरियावासियों ने अपने घरों से निकलकर विवाह स्थल पर पूरे जोश के साथ दूल्हे व बारातियों का भब्य स्वागत किया। ऐसा प्रतीत होता था कि यह शादी लौरियावासियों की बेटी की हो रही हो । शादी भी पूरे रस्मों रिवाज के साथ आर्य समाज विधि से संम्पन्न हुआ। सामूहिक विवाह के सदस्यों ने मिलकर एक परिवार को नया गृहस्थी चलाने के लिए पूरा सामान सभी जोड़ों को देकर विदा किया । प्रत्येक जोड़े को पलंग, बिछावन, रजाई, मशहरी, अनाज, गहना, बर्तन, चूल्हा, मिठाई सहित हर एक समान दिया ,जिससे एक परिवार का नया गृहस्थी चल सके । विदाई के समय कोई ऐसा लौरिया का महिला पुरूष नहीं था , जिसने विदाई में न रोया था। ऐसा लग रहा था कि यह विदाई स्वयं उनकी बेटी की हो रही हो । वहीं इस विदाई की कारुणिक बेला में सभी लौरियावासियों ने इन नए दंपतियों को कुछ न कुछ उपहार देकर विदा किया । 13 जोड़ा नए दम्पतियों में बारवा गोनौली के लालमुनी कुमारी के हमराह बलथर थाना के परसा लाईन निवासी नंदलाल बने , तो सेहुडवा की रश्मि के हमसफ़र कटैया के दिनेश हुए। सोमगढ़ साठी की सुमंती कुमारी के जीवनसाथी इंगलिशिया जमादार टोला का महेश सहनी बने । सिसवनिया की अमृता बेतिया बेलदारी के रामनारायण शर्मा की पत्नी बनी । जबकि मठिया की चाँदनी की शादी धनकूटवा के संजय दास से हुई। इसी तरह बसवरिया की रमावती की रामनगर के जयंत से,बसवरिया पराउटोला की आशा की पराउटोला के किशुन माँझी से, बसवरिया की माया की दैनमारवा के राहुल से, पडरौना की मुन्नी की सावना बैराठी के अशोक ठाकुर से , जीरिया की माया कुमारी की छपरिया टोला रामनगर के दीपक से ,दोनवार के सीबी कुमारी की जमादार टोला चौतरवा के गोविंद कुमार से , यादोछपर की चंदा की पिपरा के विजय से , और बनकटवा की गीता की शादी नवगवा के नगीना राम से हुई ।। वहीं इस आयोजन के अध्यक्ष, रंजीत जायसवाल, अनिल जायसवाल, राजू कुमार, राधेश्याम पटेल, शिवानी आर्य, ललन शुक्ला, आदि को लोंगो और वर वधू के परिजनों ने खूब आशिष दिया । यह शादी का तेरहवाँ वर्ष था । सबसे पहले आयोजन मंडल द्वारा इसके संस्थापक स्व अशर्फी प्रसाद के चित्र पर फूल माला अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।
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