
"त्यौहार रंगीले"
गुरुवार, 1 मार्च 2018
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"त्यौहार रंगीले"
रेनू नैन, खेदड़
हिसार, हरियाणा।
मधुमय महीना फागण रै,
यू लाग्या यौवन जागण रै,
हरि भरी धरती के यें सिंगार रंगीले।
होली और फ़ाग म्हारे त्यौहार रंगीले।।
मस्ती भरया होवै मौसम,
फलियां में झुकज्या सरसम,
गेंहू के बाल आवण लाग्यी,
या हरियाली भावण लाग्यी,
ठंड जा गर्मी की हो अगवाई,
सबकी होज्या कला सवाई,
मनमस्ती में होज्या सै विचार रंगीले।
होली और फ़ाग म्हारे त्यौहार रंगीले।।
आपस में जब रंग लागै सै,
भीतरले में मोह जागै सै,
मदमस्त होवै गाम सीमाणा,
रंग में रंग जावै सै हरियाणा,
भूल के वैर विरोध ये भाई,
होज्यां कट्ठे सब लोग लुगाई,
फ़ेर देख कोरड़ा भाभी के प्रहार रंगीले।
होली और फ़ाग म्हारे त्यौहार रंगीले।।
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