
कताई मिल मजदूरों में सीएम के आने से बढ़ी आस
माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिला संतकबीर नगर में आगमन को सुनकर कताई मिल मजदूरों में आस जगी
जिला संवाददाता राकेश द्विवेदी संत कबीर नगर
कताई मिल मजदूरों में सीएम के आने से बढ़ी आस।
सूती मिल का हो सकता है कुछ भला
3अप्रैल को जनपद मुख्यालय पर होगा सीएम का आगमन
मगहर। नगर में सन्त कबीर सहकारी सूती कताई मिल है।जो वर्षों से बंद पड़ी है।इसके बन्द हो जाने से मिल मजदूर बेरोजगारी व मुफलिसी में जीवन बिता रहे हैं।मिल को चालू करने व श्रमिकों के बकाया भुगतान करने को लेकर तमाम धरना प्रदर्शन भी हुआ।इसके बावजूद कोई परिणाम नहीं निकल सका।जनपद में पहली बार मुख्यमंत्री का आगमन होने वाला है।सीएम के आने से मिल मजदूरों को आशा जगी है कि उनकी पीड़ा का निराकरण हो सकता है।
संतकबीर नगर जनपद बुनकर बाहुल्य है।इसे ध्यान में रखते हुए सूती मिल को वर्ष 1977-78में स्थापित किया गया था।इसके चालू होने से बुनकरों को आसानी से सस्ते दर पर सूत मिल जाता था।वहीं लोगों को रोजी रोजगार भी हाशिल हो गया था।कताई मिल 80के दशक तक ठीकठाक चल रही थी।इसी बीच मिल में गोली कांड की घटना घटित हो गई। उसके बाद से कताई मिल अचानक से लड़खड़ाने लगी और लड़खड़ाते हुए बंदी के कगार पर पहुंच गई। मिल मजदूर ने मगहर से लखनऊ तक की रोटी यात्रा निकाली थी।मजदूरों की पीड़ा को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह तीन करोड़ रुपए देखकर मजदूरों के रोजी रोटी देने का कार्य किया था। वर्ष 1998 में मिल पर तालाबंदी का ग्रहण लग गया। इसके बाद मिल मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई। इसे लेकर मिल मजदूरों ने अपने संगठन के बल पर कई बार धरना प्रदर्शन किया फिर भी कोई परिणाम नहीं निकल सका था। वर्ष 2012 में चुनाव के बाद बनी सपा की सरकार के मुखिया ने की कताई मिल को चालू कराने तथा मजदूरों के बकाया भुगतान की संबंध में घोषणा भी किया था। लेकिन अब तक न तो मिल चालू हो सकी न तो बकाया मजदूरी मिल सका।
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