
पांच हजार के शिक्षक पच्चीस हजार के सरकारी शिक्षको से बेहतर
विजय कुमार शर्मा पश्चिमी चंपारण बिहार
शिक्षा के नाम पर सरकारी विद्यालयो मे मचा लुट खसोट।।
नौतन। सरकारी विद्यालयो मे शिक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है लुट खसोट की अराजकता फैली हुई है उक्त बाते राष्ट्रीय जनता दल के प्रखंड अध्यक्ष साहेब हुसैन अंसारी ने रविवार को वर्तमान सरकार के शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खडा करते हुये कहा उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयो मे शिक्षा बस नाम की रह गयी है अगर ऐसा नही है तो सरकारी विद्यालयो मे पढाने वाले शिक्षको व सरकारी अधिकारीयो के बच्चे आज पठन पाठन को प्राईवेट स्कुलो मे क्यो जाते। इन सभी सरकारी कर्मी के बच्चे किसी न किसी सरकारी विद्यालय मे क्यो नही पढते। उन्होंने ध्यान केंद्रित कराते हुये कहा कि बात सोचने कि है क्या पांच हजार रुपये की सैलरी पर जॉब करने वाले प्राईवेट स्कूलो के शिक्षक पच्चीस हजार रुपये उठाने वाले शिक्षको के अपेक्षा बेहतर शिक्षा और ज्ञान देते है आखिर ऐसा क्यो है उनके बच्चे सरकारी विद्यालयो मे क्यो नही।वर्तमान की सरकार ढिंढोरा पीट रही है शिक्षा के क्षेत्र मे सरकार बेहतरीन व्यवस्था की है लेकिन धरातल पर ऐसा कही कुछ नजर नही आ रहा।यह सिर्फ आम गरीब जनता को ठगने और छलने का काम किया जा रहा। शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है और सरकारी विद्यालयो मे शिक्षा बस नाम की रह गयी है।सरकार सिर्फ शिक्षा के नाम पर गरीब आम जनता को ठगने का काम कर रही है।।
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