
पूर्व अधीक्षण अभियंता विद्युत जयराम चौरसिया के गिरफ्तारी का आदेश
गोरखपुर के पूर्व अधीक्षण अभियंता विद्युत जयराम चौरसिया के गिरफ्तारी का आदेश।
परमानेंट डिस्कनेक्टशन के बाद भी काटा आरसी
गोरखपुर। महानगर के बेतियाहाता स्थित विद्युत उपभोक्ता राजीव मिश्र (9621430450) ने अपने दुकान से परमानेंट डिस्कनेक्टशन करवा दिया । बावजूद इसके विद्युत विभाग लगातार 6 साल तक बिजली का बिल भेजता रहा। बार बार पत्र व्यवहार के बावजूद विभाग ने 2 बार आरसी काट दिया । आज़िज़ हो कर उपभोक्ता ने सारा बिल जमा कर नोड्यूज लेकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ले कर जयराम चौरसिया को इससे अवगत कराया । फिर गोरखपुर में न्यायालय का शरण लिया और 156/3के तहत न्यायालय में मुकदमा दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र दिया जिसे न्यायालय ने परिवाद के रूप में स्वीकार करते हुए प्रतिवादी को तलब करते हुए अदालत में पेश होने का आदेश दिया , तलब होने के बावजूद जयराम चौरसिया समछ अदालत नही आये और मुकदमा हार गए ।फिर सेशनकोर्ट फिर हाईकोर्ट में मुकदमा हार गए कोर्ट के बुलाने पर हाज़िर नही हुए और 3 साल तक स्टे लेकर बैठ गए । पुनः कोर्ट के आदेश पर तत्काल उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर लाने का आदेश आईपीसी के धारा 167 के तहत दिया गया है।
क्या है धारा 167
धारा 167 आईपीसी – इंडियन पीनल कोड – लोक सेवक, जो क्षति कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है ।
जो कोई लोक सेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते किसी दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख की रचना या अनुवाद करने का भार-वहन करते हुए उस दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख की रचना, तैयार या अनुवाद ऐसे प्रकार से जिसे वह जानता हो या विश्वास करता हो कि त्रुटिपूर्ण है, इस आशय से या सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि तद्द्वारा वह किसी व्यक्ति को क्षति कारित करे, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
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