
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है के कवि व्यंग्य से कुमार विश्वास ने लोगो को किया मंत्रमुग्ध
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है के कवि व्यंग्य से कुमार विश्वास ने लोगो को मंत्रमुग्ध कर दिया
विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार
रविवार के रात में लौरिया में अखिल भारतीय मुशायरा सह कवि सम्मेलन चंपारण की एक शाम ,दहेज प्रथा उन्मूलन के नाम पर किया गया।जिसमें देश के कोने कोने से कवि आये थे।हजारो की संख्या में लोग एक कवि को देखने के लिए एकटक नजर लगाए रखे।आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और पेशे से कवि का मंच पर आगमन हुआ तो खुशी से सभी दर्शक झूम उठे और सेल्फ़ी लेने वालों की होड़ सी लग गयी।चंपारण में उनका पहला कवि सम्मेलन रहा।कुमार विश्वास ने मंच पर आकर वसीम साहब और मंच पर बैठे सभी कवियों को शुक्रिया अदा किया।विश्वास ने कहा कि चंपारण अपने आप मे इतिहास का धरोहर है।बापू पूरी दुनिया मे जो लाठी को लेकर चलते है अपनी छवियों को,जो चंपारण की दी हुई है।ये सम्राट अशोक की नगरी है।आज हिंदुस्तान और विश्व के सभी ऊंचे पदों पर बिहार के ही लोग विराजमान है।वे अपने कवि व्यंग्य में बोले कि किसी कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है,की किसी की दिल की मायूसी कोई पागल समझता है।मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है।मैं तुमसे दूर कैसा हूं तो मुझसे दूर कैसी है ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है।अंधेरा किसको कहते है ये बस जुगनू समझता है आदि कवि व्यंग से लोगों में पूरा जोश भर दिया पूरा दर्शक झूमने पर मजबूर हो गए।तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेडियम गूंज उठा।फिर विस्वास ने कहा कि बाबा रामदेव बोले कि काम कम करो और योग करो।पूरे दस साल लोगो को कहा कि योग करो और जब लोग योग करने लगे तो वो अब काम करने लगे है।राजनीति पर भी कुमार विश्वास ने अपने कवि से नेताओं पर कटाक्ष किया कहा कि क्या रिश्ता है कविता की ,सत्ता की,कि नेता आगे बढ़ गया और देश पीछे रह गया ।हिम्मत रखिये की देश का मसला हो तो अपने आप के खिलाफ बोले और बाप के भी खिलाफ बोले।भाजपा कार्यशैली पर उनका तंज लोगों द्वारा ध्यानपूर्वक सुना गया जो काव्ययात्मक शैली से गढ़ी गयी थी।उनको सुनने के लिए घंटो खड़े स्रोता खड़े रहे ।बिहार के कोने कोने से लोग विश्वास को एकझलक देखने के लिए आये थे।एम०कुमार के द्वारा मुशायरा का आयोजन किया गया।मुशायरा के उद्घाटनकर्ता वशिष्ठ नारायण सिंह(प्रदेश अध्यक्ष,जदयू),मुख्य अतिथि श्रवण कुमार (ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री) मदन सहनी (प्रभारी मंत्री प० चंपारण), गुप्तेश्वर पांडेय(डी०जी० बिहार), ख़ुर्शीद साहब, मंजर भोपाली,जहीर साहब आदि एवं लाखों की संख्या में दर्शक आदि मौजूद रहे।
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