
मुख्यचिकित्सा अधिकारी की मिलीभगत से झोलाछाप डॉक्टर्स दिखा रहे है जिला अस्पताल को ठेंगा
जिला संवाददाता राकेश द्विवेदी
मुख्यचिकित्सा अधिकारी की मिलीभगत से झोलाछाप डॉक्टर्स दिखा रहे है जिला अस्पताल को ठेंगा
धड़ल्ले से चल रहे अवैध क्लीनिक, ऐंठी जा रहीं गरिब मरीजों से मोटी रकम
संतकबीर नगर जनपद के विभिन्न क्षेत्रो में झोलाछाप डॉक्टर्स स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखा रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टर गली कूचों चौराहों पर अपने-अपने अवैध क्लीनिक धड़ल्ले से चला रहे हैं। इन डॉक्टरों पर मरीज आंख मूंदकर विश्वास करते है। डॉक्टर भी मरीजों के विश्वास का भरपूर फायदा उठाते है। यह डॉक्टर दिन भर में सैकड़ो मरीजों को इलाज करते हुए दिखाई देते हैं और उनसे सौ-सौ दो-दो रूपए करके मोटी रकम ऐंठते है। यह झोलाछाप डॉक्टर ज्यादा-से-ज्यादा पांचवी, छठी, आठवीं तक ही पढे होते है और इनके सीनियर अनुभवी डॉक्टर 10वीं, 12वीं आदि कक्षा फेल या पास होते है। यह डॉक्टर्स मरीजों को दबाकर कर एक्सपाइरी दवाइयां खिलाते हैं और उनके स्वास्थ व उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं। यह डॉक्टर्स इतने चतुर और चालाक है कि यह एक्सपायरी दवाइयों के रैपर निकाल देते हैं ताकि किसी को पता ना पढ़ सके कि यह एक्सपाइरी दवाइयां हैं। मरीजों के विश्वास को यह यही इस्तेमाल में लेते है। गौरतलब है कि इन झोलाछाप डॉक्टरों कि इनकम इनकी वैल्यू के हिसाब से है। गौर करें कि जो लो क्लास झोलाछाप डॉक्टर है उनकी इनकम 2 से 3 हजार रुपए प्रतिदिन, मीडियम क्लास डॉक्टर कि इनकम 5 से 10 हजार रुपए प्रतिदिन और हाई क्लास डॉक्टर कि इनकम 10 से 20 हजार रुपए प्रतिदिन के लगभग होती हैं। यह डॉक्टर अपने मरीजों को ऐसे-ऐसे पहाड़े पढ़ाते हैं कि इसका मरीज उसपर और उसका मरीज इसपर बहुत कमी से आते हैं। ऐसी बात नहीं है कि इनकी दवाइयों में असर नहीं होता थोड़ा बहुत तो होता है। यह डॉक्टर्स एक मरीज को 3 से 5 दिन में ठीक कर देते हैं और जिनका मर्ज बड़ा है उन्हें लगातार दवाइयां खिलाते रहते हैं और उनसे पैसा ऐंठते रहते है।
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