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गणेश बता रहा था अपने आप को तेलंगाना का DM, प्रशासनिक जांच में फर्जी आइएएस निकला

गणेश बता रहा था अपने आप को तेलंगाना का DM, प्रशासनिक जांच में फर्जी आइएएस निकला

राजमहल, संवाददाता- 

साहेबगंज जिला मुख्यालय के राजमहल अनुमंडलीय क्षेत्र में एक बड़ा मामला प्रकाश में आया है, स्वयं को तेलंगाना के किसी जिले का डीएम बतानेवाले गणेश यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया। उसने शनिवार रात अपने घर पर इसके लिए पार्टी रखी थी। मगर प्रशासनिक जांच में वह फर्जी आइएएस निकला। वही पुलिस अधिकारियों के अनुसार एक सप्ताह पहले राजमहल थाना क्षेत्र के छोटा खुटहरी निवासी गोपाल कुमार यादव काफी दिनों के बाद घर लौटा। उसने गांव में प्रचार किया कि उसने 2016 में यूपीएससी की मुख्य परीक्षा में 110 वां स्थान हासिल किया था। मसूरी में तीन माह की ट्रेनिंग के बाद उसने तेलंगाना कैडर चुना। उसकी वहीं डीएम के पद पर नियुक्ति हुई। उसने यह भी बताया कि 20 मार्च को ज्वाइन करना है। मजदूरी कर जीविकोपार्जन कर रहे उनके पिता फुकेन यादव व ग्रामवासियों ने उसकी बातों का यकीन कर लिया। 

वहीँ बीडीओ अजय कुमार रजक ने बताया कि उन्होंने नेट पर 2016 की सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम की जांच की, मगर सफल प्रत्याशियों में गणेश कुमार यादव का नाम नहीं देखा। उन्हें शक हुआ और उन्होंने उक्त बातों की जानकारी अपने वरीय पदाधिकारी को दी। फर्जी आइएएस गणेश ने इससे पहले यह भी प्रचार किया था कि इस परीक्षा में उतीर्ण होने के पूर्व वह खड़गपुर में रेलवे सेक्शन इंजीनियर पद पर कार्यरत था। इधर, शक होने पर शनिवार रात से ही उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, उपविकास आयुक्त, एसडीओ, बीडीओ आदि ने उसकी कुंडली खंगालनी शुरू की। उसे सुरक्षा देने के नाम पर राजमहल स्थित निरीक्षण भवन में रखा गया था। रविवार की सुबह दस बजे तक यह बात साफ हो गई कि गोपाल एक फर्जी आइएएस है। वही जब फर्जी आईएएस और इसके पास कोई भी कागजात नहीं था,  2016 बैच में कहीं भी इनका नाम नहीं है, जबकि जानकारी के अनुसार 2016 बैच के अनुसार 110 रैंक पर दीपक कुमार शुक्ला का नाम है। जिससे साफ पता चलता है यह  फर्जी रूप से जिला प्रशासन को और स्थानीय जनता को भ्रमित कर रहा है। पूछताछ में पुलिस को उसने बताया कि वह एक प्राइवेट कंपनी में दस हजार रुपये की नौकरी करता है। पहले रेलवे में इंजीनियर के साथ मुंशी का काम करता था। थाना प्रभारी शिवकुमार सिह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर लगी गई है। अधिकारियों की मानें तो संभवत: भविष्य में किसी फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए ऐसा प्रचार कर रहा था।

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