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अनुसूचित जाति जन-जाति अत्याचार निवारण अधिनियमबदलाव के विरोध में 02 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान

अनुसूचित जाति जन-जाति अत्याचार निवारण अधिनियमबदलाव के विरोध में 02 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान

बगहा :- अनुसूचित जाति जन-जाति अत्याचार निवारण अधिनियम बदलाव से पूर्व केंद्र सरकार करे पुनर्विचार।

बदलाव के विरोध में 02 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान

अनुसूचित जाति जन-जाति अत्याचार निवारण अधिनियमबदलाव के विरोध में 02 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान

विजय कुमार शर्मा पश्चिमी चंपारण बिहार

बगहा। :- अनुसूचित जाति जन-जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 को पूर्व की भांति पुनः लागू कराने के समर्थन में कल 02 अप्रैल 18 को भारत बंद के आह्वान को समर्थन करते हुए  केंद्र सरकार द्वारा SC ST कानून में संशोधन व नया कानून लाने से पूर्व पुनर्विचार करने की अपील की गई है ताकि समाज के अनुo जाति जन-जाति समुदाय पर अन्याय/अत्याचार नहीं हो।
इसकी सूचना सुनील कुमार 'राउत' ने दी। उन्होंने कहा- यदि एक्ट में बदलाव हुआ तो देश के अनुसूचित जाति जन-जाति समुदाय के लोग पर पुनः अत्याचार होना शुरू हो जाएगा जो देश की एकता, अखंडता व प्रगति के लिए बाधक होगा एवं साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और संविधान निर्माता बाबा साहब के सपनों के भारत के दृष्टिकोण से दुखद होगा। कानून बदलाव से अनुसूचित जाति जन-जाति समुदाय के लोग स्वयं को असुरक्षित महसूस करेंगे। कहीं न कहीं सरकार द्वारा यह देश की एकता, अखंडता को प्रभावित करने वाला कदम होगा तथा भारतीय संविधान, श्रद्धेय संविधान निर्माता बाबा साहब डाo भीम राव अम्बेडकर का निरादर/अपमान भी होगा। सरकार व अनुo जाति जन-जाति जनता के लिए यह दुर्भाग्य व शर्म की बात है कि वर्तमान में जब देश के प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी जो अनुo जाति जन-जाति समुदाय से आते हैं और अपने पद पर आसीन भी हैं के समक्ष ही केंद्र सरकार अनुo जाति जन-जाति अत्याचार निवारण कानून बदलने की बात कर रही है।
उक्त समुदाय द्वारा संगठित हों संघर्ष करें शोषण के विरुद्ध लडें के संदेश के साथ ही बिहार राज्य अनुo जाति जन-जाति कर्मचारी संघ, महादलित परिसंघ, आरक्षण संरक्षण अभियान, आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, संविधान बचाओ संघर्ष समिति, दलित शोषित वंचित वर्ग उत्थान समिति आदि सहित सभी दलित (क्षेत्रीय/
स्थानीय/राजकीय/केंद्रीय) माननीय जनप्रतिनिधि गण, जन-नेता आदि से आगे आकर समाज को मजबूती, गति व नेतृत्व प्रदान करते हुए अपने व अपने भावी पीढ़ी के हित के लिए आवश्यक, अपेक्षित पहल, सहयोग/समर्थन के साथ संगठित हो संघर्ष करें व शोषण के विरुद्ध लड़ने की अपील की गई है।

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