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कहीं ऐसा न हो कि बेटों को आरक्षण की जरूरत पड़े : कोविंद

कहीं ऐसा न हो कि बेटों को आरक्षण की जरूरत पड़े : कोविंद


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हर क्षेत्र में लड़कियों की तरक्की पर खुशी जाहिर करते हुए आज कहा कि भविष्य में कहीं ऐसा न हो कि बेटों को आरक्षण की जरूरत पड़ जाए।

राष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश के सागर के डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों का उल्लेख करते हुए कहा कि मंच से 11 पदक दिए जा रहे हैं, उनमें से 10 बेटियों को मिले हैं। कुल 53 में से 32 पदक बेटियों को दिए गए हैं। इससे जाहिर होता है कि बेटियों का वर्चस्व बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे बेटियों के बढ़ते वर्चस्व को सामाजिक बदलाव के रूप में देखते हैं। यह सुखद और उज्ज्वल भविष्य की तस्वीर है। उन्होंने महिला आरक्षण के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि बेटियां ऐसा ही प्रदर्शन करती रहीं, तो भविष्य में बेटों को आरक्षण की आवश्यकता न पड़ जाए।
लगभग 15 मिनट के भाषण में कोविंद ने मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे सिर्फ देश के मध्य में होने से हृदय नहीं कहा जाता। यहां भारतीय संस्कृति और चिंतन की धाराएं प्रवाहित होती हैं, इसलिए यह हृदय है।

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