
बेटियां बोझ नहीं, श्रद्धा की योग्य है
बेटियां बोझ नहीं, श्रद्धा की योग्य है।
विजय कुमार शर्मा बगहा प,च,बिहार
दहेज के लिए बेटियों को बोझ न समझें ।क्योंकि आने वाले समय में जिस तरह से विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बेटियों के शादी के लिए कदम उठाए हैं। वह दहेज लुलोपीयों के मुंह पर एक करारा तमाचा है ।दहेज समाज के लिए अभिशाप है ।क्योंकि जब कोई व्यक्ति लक्ष्मी स्वरूपा अपनी बेटियों का कन्यादान करता है तो इसमें दहेज मांगकर अपने को लज्जित करना कहां तक उचित है ।शादी विवाह में होने वाले खर्च के लिए एक बेटी के पिता को कभी चिंतित नहीं होना चाहिए । समाज में अभी भी ऐसे लोग हैं जो आपकी पूरी सहायता करने के लिए पूर्ण रूप से तत्पर है। अतः आपको चिंता नहीं करने की आवश्यकता है। बस एक कदम अपनी बेटी को शिक्षित करके उसे योग्य बनाने की है ।अब दहेज मांगने वालों के मुंह पर समाजसेवियों द्वारा एक बहुत बड़ा तमाचा जड़ा जा रहा है ।दहेज के लिए बेटियों को जो लोग बोझ समझते हैं ।वह मूर्खता कर रहे हैं। समाज में ऐसे बहुत लोग हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं और आपकी बेटियों को आपकी इच्छा के अनुसार ब्याह कराई जा सकती है। इसी संदर्भ में ओम प्रकाश गुप्ता रामपुर नयागांव की बेटी की शादी आज दिनांक 29-04-2017 को होना सुनिश्चित है। नैतिक जागरण मंच ने अपने किए वादे के अनुसार विवाह मे नाश्ते का पूरा खर्च ओम प्रकाश गुप्ता के हाथ सौंप दिया ।इसके अलावा ओम प्रकाश गुप्ता के घर पहुंचकर बेटी की शादी में यथासंभव अन्य प्रकार के सहयोग को भी पूरा करने का वादा किया ।इसलिए आप सभी से निवेदन है कि बेटियों को बोझ न समझें। उन्हें कोख मे न मारे ।उन्हें जमीन पर आने दे ।क्योंकि बेटियां कई परिवारों की जननी है । एक बेटी की हत्या कई परिवारों की हत्या के बराबर है। तो आइए दहेज रहित समाज बनाए ।बेटियों को सम्मान दिलाएं, दहेज को ना कहें।
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