दिल्ली डेयरडेविल्स ने IPL 2018 में अपनी वापसी
के संकेत देते हुए तूफानी बल्लेबाजी की और फिरोज शाह कोटला मैदान में कोलकाता को 55 रनों से हरा दिया। दिल्ली के लिए जीत
के हीरो बने धमाकेदार नाबाद 93 रन
बनाने वाले कप्तान श्रेयस अय्यर। क्या इस बड़ी जीत के बाद ऐसा माना जा सकता है कि
कप्तान के बदलने से दिल्ली की किस्मत भी चमक जाएगी? ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2013 का आईपीएल इतिहास इस बात की ओर इशारा करता है।
आईपीएल में कप्तान बदलना की जरूरत एक 'टोटके' के रूप में काम आई है। ऐसा साल 2013 में मुंबई की टीम के साथ होते देखा गया था। उस
दौरान मुंबई इंडियंस ने रिकी पोंटिंग को बड़ी उम्मीदों के साथ खरीदा और टीम का
कप्तान बनाया। रिकी पोंटिंग 6 मैचों
में 10.4 की औसत से सिर्फ
52 रन बना सके।
रिकी पोंटिंग की कप्तानी में भी मुंबई इंडियंस को हार का सामना करना पड़ रहा था और
फिर उन्होंने अपनी टीम की भलाई के लिए खुद को बाहर करने का फैसला लिया। पोंटिंग के हटने
के बाद मुंबई की कमान रोहित शर्मा को सौंपी गई। इसके बाद जैसे मुंबई इंडियंस की
किस्मत ही पलट गई। पहली बार कप्तान बने रोहित शर्मा ने सिर्फ टीम को शानदार मैच
जिताए बल्कि 2013 का IPL खिताब
भी जितवाया। यह मुंबई इंडियंस का पहला आईपीएल खिताब था। अब 24 साल के श्रेयस अय्यर
पहली बार कप्तान बने हैं और पहले ही मैच में न सिर्फ उन्होंने सूफानी बल्लेबाज की, बल्कि टीम को 55 रनों से जीत दिलाई। तो
क्या ऐसी उम्मीद की जा सकती है कि कोलकाता के खिलाफ मिली जीत दिल्ली की किस्मत बदलने
की पहली झलक है?