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जदयू नेता की बेटी पर जानलेवा हमला करने वाले गैंगस्टर फहीम के बेटे और सालों को 5-5 साल कैद की सजा

जदयू नेता की बेटी पर जानलेवा हमला करने वाले गैंगस्टर फहीम के बेटे और सालों को 5-5 साल कैद की सजा

जदयू नेता मनोज सिंह की बेटी शोभा पर जानलेवा हमले में कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर फहीम खान के पुत्र इकबाल खान और उसके साले भोलू खान और रिंकू खान को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश 14 अनिल कुमार दुबे की अदालत ने सजा के बिंदु पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद तीनों दोषियों पर 25-25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया।

कोर्ट ने जुर्माने की कुल रकम में से 50 हजार रुपए पीड़िता को भुगतान करने का आदेश दिया। पीड़िता ने बैंकमोड़ थाना में दर्ज प्राथमिकी में बताया था कि 17 अगस्त 2011 को वह अपनी दादी से मिल कर मटकुरिया से अपनी मां के साथ रेलवे लाइन होते हुए पावर हाउस के पास पहुंची थी, उसी समय तीनों आरोपी तेजी से वहां पहुंचे और उन लोगों को रोक लिया। आरोपी मनोज सिंह मर्डर केस उठाने को कह रहे थे। आरोपियों ने दो गोली चलाई। जिसमें एक गोली उसके दाहिने हाथ की बांह में लगी, जिससे वह घायल हो गई थी। आनन-फानन में उसे सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया था। अनुसंधान के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दो बार आरोप पत्र समर्पित किया था। इकबाल खान के खिलाफ 22 अक्टूबर 2011 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। 11 अप्रैल 2014 को कोर्ट में आरोप गठन हुआ था। अभियोजन ने इस मामले में कुल सात गवाहों का परीक्षण करया था।


शोभा और उसकी मां के बयान पर हुई सजा

पीड़ित शोभा सिंह और उसकी मां मंजू देवी ने कोर्ट में बतौर प्रत्यक्षदर्शी गवाह अपना बयान दर्ज कराया था। दोनों की गवाही से ही इस मामले में सजा हुई। आईओ दीप नारायण दास और डॉ पीएन रजक ने भी प्राथमिकी का समर्थन किया। हालांकि गवाह मनोज कुमार, राजाराम लाल और मीरा देवी को अभियोजन पक्ष ने पक्षद्रोही घोषित कर दिया था। एपीपी अनिल कुमार झा के अनुसार गवाहों के बयान से यह बात स्पष्ट हो गयी थी कि आरोपियों की मंशा हत्या करने की थी, इसलिए दो गोली चलाई गई। पहली गोली किसी को नहीं लगी जबकि दूसरी गोली पीड़िता के बांह पर लगी।

सजा के फैसले को हाईकोर्ट में देंगे चुनौती : बचाव पक्ष

बचाव पक्ष के अधिवक्ता शहबाज सलाम ने बताया कि घटना का कारण पूर्व विवाद था। पीड़िता जिस मुकदमे को उठाने की बात कहते हुए गोली चलाने का आरोप लगाया था उस उस मुकदमे में फहीम खान बरी हो चुके हैं। इसके अलावा फहीम खान के साथ पीड़िता के पिता का विवाद चल रहा था अभी भी एक मामला लंबित है। सजा के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

महिला और बच्चों पर हमला नहीं करते : इकबाल

फैसले के बाद जेल जाने के दौरान इकबाल खान ने मीडिया से कहा कि महिला और बच्चों पर हमला करना उनकी फितरत नहीं है। जमीन के विवाद के कारण उन्हें फंसाया गया। झूठी गवाही दी गई है। इधर फहीम के साले ने कहा कि वह नौकरी करके अपनी आजीविका चला रहा था। झूठे मुकदमे में फंसा कर उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी गई। उसे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।
2008 में फिल्मी अंदाज में डब्बू की हुई थी हत्या

वासेपुर में शोभा के पिता मनोज सिंह की फिल्मी अंदाज में हत्या की गई थी। 23 अगस्त 2008 को रणधीर वर्मा चौक पर आयोजित जदयू के धरना से लौटने के क्रम में वासेपुर निशात नगर स्थित पुलिया के समीप हमलवरों ने डब्बू और उसके मित्र मनोज विश्वकर्मा को गोलियों से भून दिया था। डब्बू अपनी कार पर सवार थे। घटना स्थल पर ही दोनों की मौत हो गई थी। उस घटना में भी भोलू खान का नाम आया था। सुनवाई के बाद न्यायालय में फहीम का भांजा गोपी, मो. आलम और रितिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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