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मनरेगा के मानकों का हो रहा चीरहरण  जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठ रहा है सवाल

मनरेगा के मानकों का हो रहा चीरहरण जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठ रहा है सवाल

संत कबीर नगर

  मनरेगा के मानकों का हो रहा चीरहरण  जिम्मेदारों की चुप्पी पर उठ रहा है सवाल खलीलाबाद ब्लाक के बनकटिया ग्राम सभा मे..

जिला संत कबीर नगर में पूरे जिले में मनरेगा अपनी दुर्दशा पर रो रही है...

राकेश द्विवेदी संवाददाता संतकबीर नगर

संतकबीरनगर । वैसे तो पूरे जिले मे मनरेगा अपनी दुर्दशा पर सिसक रहाँ है। कही मजदूर काम के लिए तरस रहा है तो कहीं जिम्मेदार अधिकारी मानव दिवस सृजित कराने के लिए छट पटा  रहे है। योजना के सफल संचालन का जिम्मा उठाने वाले जिम्मेदार खुली आखो से बदहाली देखने के बाद भी चुप्पी साधे बैठे है। मंगलवार को खलीलाबाद ब्लाक के ग्राम सभा बनकटियाँ  मे मनरेगा योजना के मानको का चीरहरण होता देख हैरानी हुई ।  लाख  के खुदाई के प्रोजेक्ट को ग्राम प्रधान राधेश्याम सिह डकार गये और इस पैसो को.चार टुकड़े मे सिर्फ इसलिए बाट दिया गया ताकि जिले के अधिकारियो की नजर यहा चल रहे अनियमितता के खेल पर न पड़ सके। इतना ही नही लाखो रूपए का स्टीमेट नाली  की खुदाई के लिए बना और मौके पर घटियाँ किस्म के ईट और अठ्ठारह एक का मसाला लगाकर मात्र 150मीटर नाली का निर्माण करा दिया गया है पैसा निकाल कर नाली बनवाने का  कार्य करा दिया गया है करने का कोरम पूरा किया जा रहा है। कार्यस्थल पर मनरेगा मजदूर उपस्थित ही नही रहे । कार्यस्थल पर न तो रोजगार सेवक मिला और न ही मस्टररोल । पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी निभाने वाले साहबान मौसम की मार से सहम कर बन्द कमरे मे कैद होने को विवश हो गये है। फोन पर कार्यो और मानको की गुणवत्ता की परख करके योजना के मानको का चीरहरण करने वालो को अपनी मौन सहमति देकर पितामह और द्रोणाचार्य की भूमिका निभा कर गदगद दिख रहे है। ऐसे मे अपने चीरहरण से असहाय बेचारी मनरेगा अपनी दुर्दशा पर सिसकने को विवश नजर आ रही है।

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