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अभिमन्यू सिंह हथियार प्रकरण: सवालों के घेरे में प्रशासन, जनता मांग रही जवाब

अभिमन्यू सिंह हथियार प्रकरण: सवालों के घेरे में प्रशासन, जनता मांग रही जवाब


संवाददाता, विवेक चौबे।

अभिमन्यू सिंह पिछले तीन सालों से अपनी निजी हथियार और सुरक्षा गार्ड लेकर पूरे बिश्रामपुर मझिआंव विधानसभा क्षेत्र में भ्रमणशील हैं, लागातर अनेकों जगहों पर सामाजिक,सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते रहे हैं।उसी हथियार जिसको लेकर गिरफ्तारी की गई है उसको लेकर जनता के पक्ष में धरना-प्रदर्शन,शासन और सत्ता पक्ष के विरुद्ध आवाज उठाते रहे हैं तब स्थानीय प्रशासन को उनके हथियार अवैध नहीं लग रहे थे?क्या तब वे जनता में भय का माहौल पैदा करते हुए नहीं दिखाई पड़ रहे थे?जैसा पुलिस प्रशासन अभी आरोप लगा रही है।बकौल प्रशासन अगर वास्तव में अभिमन्यू सिंह के द्वारा अवैध हथियार और उसके बल पर जनता या क्षेत्र में भय का माहौल कायम किया जा रहा था तो तीन सालों में प्रशासन इनको क्यों अवैध हथियार के साथ भय का माहौल बनाने दिया?आज की तरह उनको पहले ही गिरफ्तारी कर जेल क्यों नहीं भेजा?पुलिस के द्वारा जो प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया है उसमें यह कहा गया है कि गुप्त  सूचना के अनुसार की कुछ लोग सफेद रंग की स्कार्पियों में हथियार लेकर रेहला स्टेशन की तरफ घूम रहे हैं,उसी के आधार पर वाहनों की चेकिंग करते वक्त उनको पकड़ा गया।वह भी गुप्त सूचना में तीन थानों की पुलिस संयुक्त रुप से एक ही जगह पर तत्काल इकठ्ठा भी हो जाती है।जबकि कुछ ही समय पूर्व उसी हथियार के साथ अभिमन्यु सिंह उसी शादी समारोह में शामिल थे जिसमें मंत्री जी भी शामिल थे।तब तक पुलिस इनको गिरफ्तार नहीं करती है।जैसे ही मंत्री जी शादी समारोह से निकलते हैं तत्काल तीन थानों की पुलिस धावा बोलकर  पकड़ लेती है।कुछ और भी तथ्य हैं जो पुलिस के द्वारा गिरफ्तारी पर सवाल खड़ी करती है और यह राजनीति से प्रेरित लगती है।इस पुरे प्रकरण में जिसको जो समझना है समझते रहे और जो रंग देना है देते रहे।मंशा बिल्कुल स्पष्ट है।

इसी तरह से कुछ दिनों पूर्व बिश्रामपुर से मंत्री जी के कॉलेज के लिए निजी जमीन पर सड़क निर्माण से संबंधित मामला प्रकाश में आया था तब एक प्रेस बाइट में मंत्री जी ने साफ तौर पर अभिमन्यु सिंह के नाम का जिक्र करते है कहा था कि इस सबमें अभिमन्यु सिंह का हाथ है जबकि जमीन मालिक ने खुद मीडिया के सामने आकर पूरी कागजात के साथ अपनी जमीन और मंत्री जी से सड़क विवाद का आरोप लगाया था।इस तरह से कई अन्य मामले भी रहे हैं चाहे वह मझिआंव में बिजली ग्रिड के चालू करने का हो या नावाबाजर प्रखंड में मंत्री प्रतिनिधि के द्वारा ट्रैक्टर घोटाला का उजागर करना हो।सब में प्रत्यक्ष रुप से मंत्री और अभिमन्यु सिंह के बीच राजनैतिक रूप से मतभेद रहा है।यह सब भी कारण हो सकता है।इससे इंकार नहीं किया जा सकता।
एक मंत्री होने के नाते उनसे राज्य की आम जनता यह भी जानना चाह रही है कि उनके उपर विधायक या मंत्री रहते जो सरकारी धन का दुरूपयोग करते हुए निजी संपत्ति अर्जित करने जैसे,बिश्रामपुर में पहाड़ को तोड़कर अस्पताल,इंजीनियरिंग कॉलेज,एसटी,एससी के लिए आवंटित छात्रावास में अनियमितता इत्यादि जो आरोप लगे हैं उसकी जांच सरकार और पुलिस प्रशासन कब करेगी?इस तरह के बहुत सारे यक्ष प्रश्न अब भी आम जनमानस में घूम रही है।

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