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झारखण्ड राज्य के पारा शिक्षकों के साथ हो रहा है अन्याय

झारखण्ड राज्य के पारा शिक्षकों के साथ हो रहा है अन्याय

आलेख ---
आशीष कुमार ठाकुर उर्फ बंटी ठाकुर

साहिबगंज /मंडरो -----  बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से 1 km पर विद्यालय खोला गया । विद्यालय भवन निर्माण में लाखों रुपये खर्च किये गए ।   शिक्षकों के अभाव के कारण ग्राम शिक्षा समिति के दुआरा विद्यालय के संचालन के लिए पारा शिक्षकों की बहाली की गई । अब सरकार बच्चों की संख्या के आधार को बहाना बनाकर विद्यालय एवम उसमे कार्यरत शिक्षकों को दूसरे विद्यालय में मर्ज कर दिया  । मर्ज हुए विद्यालय के बच्चे दूसरे दूर के विद्यालयों में जाने में कठिनाइयों का सामना करेंगे । गरीब तबके एवम आदिवासी समुदाय के बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित होंगे ।  अब सरकार जो कार्यरत विद्यालय है वहाँ पर भी 56 बच्चों पर 1 शिक्षक कर  शिक्षकों का अन्यत्र स्थानांतरण करने पर तुली है । जबकि प्राथमिक विद्यालयों में 1-5 वर्ग में कम से कम 5 शिक्षक होने चाहिए , मध्य विद्यालय में 1-8 वर्ग में कम से कम 8 शिक्षक की आवस्यकता विषयवार होनी चाहिए । इसमें वैसे पारा शिक्षक जिनकी बहाली ग्राम शिक्षा समिति के दुआरा हुई है उपस्तिथि पणजी पर मुखिया एवम समिति के अध्यक्ष का हस्ताक्षर के उपरांत ही सरकार इनके वेतन का भुगतान करती है । जो सरकारी शिक्षको के वनिस्पत नाम मात्र का है । 8-9 हजार प्रतिमाह वो भी समय पर भुगतान नही करती है । जब इनकी बहाली व वेतन का भुगतान ग्राम शिक्षा समिति के अनुमोदन के आधार पर होती है तो इनका अन्य विद्यालयों में स्थानांतरण ग्राम शिक्षा समिति के अनुसंशा बगैर कैसे किया जा रहा है । रही बात बच्चों की संख्या की तो सरकार खुद ही जनसंख्या नियंत्रण करने को विभिन्न उपाय को प्रोत्साहन दे रही है । इतने कम पैसे में पारा शिक्षकों का जीवन व्यापन कैसे होता होगा वो भी 5 माह से वेतन भी नही मिला है । यह सोचने की विसय है इस पर सरकार का ध्यान नही जा रहा है । पारा शिक्षकों के लिए सरकार के पास कोई नियमावली अभी तक नही बनी । वेतन में भी असमानता लेकिन स्थानांतरण में सरकारी शिक्षको की तरह पारा शिक्षकों का स्थानांतरण हो रहा है ।जो कि बिल्कुल अन्याय है । बच्चों की संख्या को आधार बनाकर स्थानांतरण किया जा रहा है । सरकार सबसे पहले इनके लिए सम्मानजनक नियमावली बनाये , सम्मानजनक वेतन सरकारी शिक्षको की तरह दे फिर इनका स्थानांतरण कहि करे । ताकि पारा शिक्षकों का भरण पोषण सम्मानजनक तरीके से हो । पारा शिक्षकों के साथ घोर अन्याय हो रहा है ।सरकार को इस तरफ ध्यान देनी चाहिए ।

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