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पत्रकारिता में संघर्ष के मिसाल वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर नहीं रहे, सत्यांचल टाईम्स मुख्यालय में मनाया गया शोक

पत्रकारिता में संघर्ष के मिसाल वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर नहीं रहे, सत्यांचल टाईम्स मुख्यालय में मनाया गया शोक


रितु राज,

प्रेस की आजादी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा संघर्षरत रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर का कल आधी रात के बाद  एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं।नैयर को प्रेस की आजादी और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले पत्रकार के रूप में जाना जाता है। उन्होंने स्टेट्समैन सहित विभिन्न अखबारों में काम किया।वह 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त भी रहे और 1997 में उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया। देश में लगे आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। नैयर ने भारत और पाकिस्तान के बीच के तनावपूर्ण संबंधों को भी सामान्य करने की लगातार कोशिश की। उन्होंने अमृतसर के निकट अटारी-बाघा सीमा पर कार्यकर्ताओं के उस दल का नेतृत्व किया था, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर वहां मोमबत्तियां जलाई थी। सत्यांचल टाईम्स के मुख्यालय में 2 मिनट का मौन धारण कर मृतआत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई। पत्रकार रितु राज ने कहा कि कुलदीप नैयर को आज ‘‘बुद्धिजीवी’’ वरिष्ठ पत्रकार को उनके निर्भीक विचारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। नेहरू से ले कर मनमोहन तक सभी प्रधानमंत्री उनसे अंतरराष्ट्रीय मसलों पर राय लेते थे,इसी से उनके क़द का अंदाज़ा किया जा सकता है,वह सदी के पत्रकार थे,आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे। मौके पर तमाम पत्रकार बंधु एवम बुद्धिजीवी लोग उपस्थित थे।

भावपूर्ण श्रद्धांजलि

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