
बीपीएड डिग्री धारक इंटर कालेज के नहीं बन सकते प्रधानाचार्य बल्कि हाईस्कूल के बन सकते हैं प्रधानाध्यापक
बीपीएड डिग्री धारक इंटर कालेज के नहीं बन सकते प्रधानाचार्य
हाईस्कूल के बन सकते हैं प्रधानाध्यापक
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्णपीठ ने कहा है कि पीटी टीचर (बीपीएड डिग्रीधारकों) को हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक पद पर ही नियुक्ति पाने का अधिकार है। वे इंटरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य नियुक्त होने की योग्यता नहीं रखते। इन कालेजों में एमपीएड डिग्री धारक ही प्रधानाचार्य नियुक्त हो सकते है, बीपीएड डिग्री धारक नहीं।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले, न्यायमूर्ति एम.के.गुप्ता तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्णपीठ ने अमल किशोर सिंह की विशेष अपील पर दिया है। कोर्ट ने बी.पी.एड डिग्री को बी.एड., एल.टी. बी.टी./सी.टी.इत्यादि के समकक्ष माना है किन्तु कहा है कि बी.पी.एड धारक, इंटर कालेज के प्रवक्ता पद पर पढ़ाने के लिए मान्य योग्यता नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि बी.पी.एड डिग्री पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनिंग योग्यता है। इसलिए वे हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक बनने के योग्य हैं किन्तु इंटर मीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य पद केे योग्य नहीं हैं क्योंकि बी.पी.एड डिग्रीधारक कक्षा 9 एवं 10 को पढ़ाने की योग्यता रखते है और कक्षा 11 व 12 में पढ़ाने की योग्यता नहीं रखते।
इंटरमीडिएट कालेज में एम.पी.एड डिग्रीधारक ही पढ़ा सकते हैं। ऐसे में ये प्रधानाचार्य बन सकते है। एनसीटीई ने योग्यता का निर्धारण किया, जो राज्य पर बाध्यकारी है। इसलिए रेग्युलेशन के तहत निर्धारित न्यूनतम योग्यता के अनुसार बी.पी.एड डिग्री धारक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य नहीं नियुक्त हो सकते। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया है कि बी.पी.एड डिग्रीधारक पी.टी.टीचर केवल हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक बन सकते है। इंटरमीडिएट कालेज के प्रधानाचार्य नियुक्त नहीं हो सकते। कोर्ट ने विधिप्रश्न तय करते हुए अपील खण्डपीठ के समक्ष वापस कर दी है।
0 Response to "बीपीएड डिग्री धारक इंटर कालेज के नहीं बन सकते प्रधानाचार्य बल्कि हाईस्कूल के बन सकते हैं प्रधानाध्यापक"
एक टिप्पणी भेजें