
भाजपा राज में विवाहिता दर दर भटकने को मजबूर सुनवाई के नाम पर मिल रहे केवल आशवासन
विवाहिता को 307 के झूठे मुकदमे मे फंसाकर भेजा जेल
मुखबिर व चहेतों के दबाव मे बरेली पुलिस का कारनामा
योगी राज मे विवाहिता दर दर भटकने को मजबूर सुनवाई के नाम पर मिल रहे केवल आशवासन
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बरेली(प्रतिनिधि)यहां दलालों व अपने चहेते मुख़बिरों के दबाओ के चलते बरेली पुलिस ने बेगुनाह विवाहिता को 307 लगाकर षंडयंत्र के तहत भेजा जेल न्याय के लिऐ पीड़ित विवाहिता दर दर भटकने को हुई मजबूर योगी राज मे बरेली पुलिस का कारनामा
विवरण के अनुसार नगर के थाना किला क्षेत्र की निवासी शैफाली(काल्पनिक)ने घरेलु प्रताड़ना व घरेलु हिंसा तथा बीते माह 20 अगस्त की रात्री को ससुराल पक्ष द्धारा की गई मारपीट से तंग आकर स्थानीय थाना पुलिस की शरण मे जाना इतना महंगा पड़ा कि उसकी क़ीमत विवाहिता को एक झूठे 307 के प्रकरण मे एक माह अपने तीन मासूम बच्चों को बेसहारा छोड़गया जेल की काल कोठरी मे रहने का दंश झेलना पड़ा इतना ही नही जैसे तैसे जेल से बाहर आकर जब पीड़िता ने खुब पर हुऐ अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने का प्रयास किया तो बरेली की अत्याचारी पुलिस ने उसे 307 के आरोप से निकालते हुऐ अन्य प्रकरण को जस का तस रखने का लालच देकर चुप रहने को कहा। न्याय नही मिलता पाकर पीड़िता द्धारा पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों से खुद पर लगे झूठे मुकदमे की जांच स्थानीय पुलिस के अन्य ऐजेंसी से कराने की गुहार लगाने पर विभागीय अधिकारियों ने पीड़िता को आशवासन तो दिये परन्तु मामला जस का तस ही पीडित विवाहिता पर षंडयंत्र के तहत चहेतों के दबाव मे पुलिस द्धारा लगाय गये झूठे मुकदमे का प्रकर स्थानीय पुलिस से लकर जनपदीय पुलिस अधिकारियों के संज्ञान मे हे
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