
तुमने क्यूँ करवाचौथ रखा हैं?
रितु राज ओझा की कलम से ........................
अभय मैंने तुम्हारे लिए करवाचौथ रखा है और तुमसे इतना भी नहीं हो सकता कि एक दिन छुटटी लेलो।"
"पिया मैं छुटटी नहीं ले सकता ,मेरी कलीग मीरा और तनु दोनों छुटटी पर है और उन्होंने ने भी व्रत किया है और ऑफिस में हम सब ने deside किया है कि हम सब लेडी कलिग का काम देखेंगे, मेरे खयाल से उनकी छुटटी ज्यादा डिज़र्व करती हैं।but i प्रॉमिस जल्दी आजाउंगी।" अभय चला गया।
पिया कुढ़ती रही ,एक दिन तो कदर कर लेते मेरी,तभी रमा बाई आई पूरी तैयार हो कर,नई साड़ी हाथ भर चूड़ियां, लंबी मांग,लाल लिपस्टिक सच में वो बड़ी सुंदर है ये आज ही नोटिस किया,आते ही बोली "दीदीआज काम पर नहीं आएगी तो चलेगा ना, व्रत जो किया है बाबू भी दूध पीता है मेरा तो थकान हो जाएगी" पिया ने कहा कोई बात नहीं तुम जाओ कल करलेना काम।फिर फ़ोन करके अभय से कहा" देखो उसे भी आज ही छुटटी चाहिए,सब अपनी सहूलियत देखते हैंऔर तुम करते रहो समाज सेवा"
तब अभय ने समझाया कि "अरे यार उसने भी व्रत किया है बताया ना उसने, अब एक दिन काम नहीं होगा तो क्या आफ़त आजायेगी, तुम बस रेस्ट करो,या तो मूवी देखने चली जाओ ,ज्यादा सोचो मत,तबियत खराब हो जाएगी।"कह कर फ़ोन रख दिया।
"उफ़्फ़ सब कितने मतलबी है, मीरा, तनु ,रमा बाई ,इनकी सारी लेडी कलीगऔर अभय उनका पक्ष ले रहा है।"
अब सब काम उसे ही करना होगा।झाड़ू लगाया ,किचन में गई तो याद आया कि बहस में अभय को नाश्ता लंच बॉक्स कुछ नहीं दिया।किचन साफ पड़ा था, कथा शाम को होनी थी तो बिल्कुल फ़्री थी तो सोचा शॉपिंग और मूवी देखने चली जाऊं।तैयार हो कर निकली, मॉल ,मूवी में 5 बज चुके थे,, वापस लौट आने के बाद अभय को फ़ोन किया तो उसने कहा "जान 7 बजे तक आ पाऊंगा, बस तुम तैयार रहना, मेरा चाँद उस चांद से ज्यादा खूबसूरत होना चाहिए " अभय की शरारत पर पिया मुस्कुरा उठी।पर मायूस भी हुई कि एक दिन मेरे नाम नही कर सकते।
अभय को 8 बज गए,पिया गुस्से में भरी बैठी थी, यही सोचकर रुआंसी हुई जा रही थी कि "मैने तुम्हारे लिए व्रत किया और तुम्हें ही कदर नहीं, देखो शालिनी ,गरिमा और सीमा सब अपने पतियों के साथ दिन भर घूम रही थी उनके पति जान छिड़कते है लेकिन एक तुम ,पता नहीं कैसा पति मिला है"
तभी अभय आगया और बोला मैडम आपके दोनों चांद आगये, पिया ने गुस्से से अभय को देखा जो मासूम चेहरा बना कर कान पकड़े खड़ा था, पिया मुस्कुरा उठी , पूजा अर्चना करने के बाद अभय ने एक खूबसूरत अंगूठी गिफ्ट की जो पिया काफी दिनों से लेना चाहती थी ,"पिया ऑफिस से तो 7 बजे निकल गया पर गिफ्ट के चक्कर में देर लग गई ,अब जल्दी करो टेबल बुक है तुम्हारे फेवरेट रेस्टोरेंट में।
दोंनो रेस्टोरेंट से वापस लौटे तो देखा सोसाइटी में भीड़ जमा थी।रमा बाई बदहवास, चेहरे पर चोट के निशान,बिखरे गजरे में नोचे हुए उलझे बाल, सूजीआंखे, आधी चूड़ियाँ टूटी हुई और वहाँ से रिसता खून,3 साल के बच्चे को छाती से चिपकाए रो रही थी, पति ने बहुत मारा, नशे में धुत होकर आया,इधर पत्नी करवाचौथ करके बैठी थी।देर से आने पर रमा ने कहा तुम्हारे लिए व्रत रखा है तो आज तो ना पीते, बस भड़क गया और उसे बेतहाशा पीटा,तभी उसका भाई और माँ आगये रमा उनके साथ चली गई।
उस रात रमा ने क्या व्रत खोला होगा,क्यों रखा उस पति के लिए व्रत ,क्या अगले जन्म में भी वही पति चाहिए उसे , हर मर्द हैवान नहीं होता लेकिन हर पति देवता भी नहीं होता ,सोचते हुए अभय की तरफ देखा कितना बड़ा ह्रदय है तुम्हारा अभय, अपनी पत्नी ही नहीं दूसरी औरतों की तकलीफ भी समझते हो ,सुबह से मेरा रूखा व्यवहार सहन कर रहे हो, मेरे लिए सारी खुशियाँ सारी सुविधाएं जुटाते भागते हुए आये हो,तुम्हारे जैसे पति के लिए 100 करवाचौथ भी कर सकती हूं, पर रमा का पति,मन वितृष्णा से भर गया आखिर क्यों उसने ये व्रत रखा,क्या इतना ज़रूरी था,ये केवल रस्म अदायगी के लिए किया गया था, या निस्वार्थ प्रेम के लिए,मेरे पास कोई जवाब नहीं है।
आपके पासजवाब हो तो बताइएगा ज़रूर।
0 Response to "तुमने क्यूँ करवाचौथ रखा हैं? "
एक टिप्पणी भेजें