
त्योहारों का मौसम चल रहा है महिलाओं ने भी अखंड सुहाग का पर्व मनाने की तैयारी शुरू कर दी है
मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018
त्योहारों का मौसम चल रहा है महिलाओं ने भी अखंड सुहाग का पर्व मनाने की तैयारी शुरू कर दी है
विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार की कलम से
अखंड सुहाग का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है यह सुहागिन महिलाओं के लिए काफी खास है इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा- पाठ करती है इस बाबत ज्योतिषाचार्य पंडित रिपुसूदन द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव की आराधना कर उनसे सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद प्राप्त करती है व्रत को लेकर महिलाओं मे एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है कि व्रत के रखने से पति- पत्नी के रिश्ते मे मिठास और आजीवन प्रेम की भावना उत्पन्न होती है इस बार यह 27 अक्टूबर को रखा जाएगा इस बार करवा चौथ हर साल की अपेक्षा बहुत खास है श्री द्विवेदी ने यह भी बताया कि करवा चौथ के दिन खास संयोग बन रहा है इस दिन किए गए हर काम विशेष फल प्रदान करेंगे और साथ ही पति की लंबी उम्र में सहयोग करेंगे 27 अक्टूबर को करवा चौथ की शुभ मुहूर्त रात आठ बजे के बाद का है इस मुहूर्त में पुजा करने से खास फल मिलेगा चतुर्थी तिथि उस दिन 7-59 बजे से सुरू होगी जो अगले दिन शाम 6-24 बजे तक रहेगी उस दिन संकष्टी चतुर्थी
भी है दोनों का व्रत एक ही दिन होता है संकष्टी चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश की आराधना की जाती है भगवान् गणेश कि पूजा करने से सभी प्रकारो का कष्ट से छुटकारा मिलता है साथ ही सुख - समृद्धि भी आती है
विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार की कलम से
अखंड सुहाग का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है यह सुहागिन महिलाओं के लिए काफी खास है इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूजा- पाठ करती है इस बाबत ज्योतिषाचार्य पंडित रिपुसूदन द्विवेदी ने बताया कि भगवान शिव की आराधना कर उनसे सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद प्राप्त करती है व्रत को लेकर महिलाओं मे एक अलग ही उल्लास देखने को मिलता है कि व्रत के रखने से पति- पत्नी के रिश्ते मे मिठास और आजीवन प्रेम की भावना उत्पन्न होती है इस बार यह 27 अक्टूबर को रखा जाएगा इस बार करवा चौथ हर साल की अपेक्षा बहुत खास है श्री द्विवेदी ने यह भी बताया कि करवा चौथ के दिन खास संयोग बन रहा है इस दिन किए गए हर काम विशेष फल प्रदान करेंगे और साथ ही पति की लंबी उम्र में सहयोग करेंगे 27 अक्टूबर को करवा चौथ की शुभ मुहूर्त रात आठ बजे के बाद का है इस मुहूर्त में पुजा करने से खास फल मिलेगा चतुर्थी तिथि उस दिन 7-59 बजे से सुरू होगी जो अगले दिन शाम 6-24 बजे तक रहेगी उस दिन संकष्टी चतुर्थी
भी है दोनों का व्रत एक ही दिन होता है संकष्टी चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश की आराधना की जाती है भगवान् गणेश कि पूजा करने से सभी प्रकारो का कष्ट से छुटकारा मिलता है साथ ही सुख - समृद्धि भी आती है