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क्रिसमस की तैयारी पूरी गिरजाघर सज-धज कर तैयार

क्रिसमस की तैयारी पूरी गिरजाघर सज-धज कर तैयार

बगहा बेतिया प,च,
बेतिया बगहा चखनी का धरोहर  ऐतिहासिक महागिरजाघर बेतिय महाराजा ने दी थी जमीन। 1751 में बना था यह चर्च।
विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार
बगहा प्रखण्ड एक के चखनी पंचायत में स्थापित गिरजाघर मात्र एक ही है 25दिसम्बर को बड़ा दिन के साथ प्रभु एशुक्रिश का जन्मोत्सव को खासकर क्रिश्चन लोगों के द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है इसकी अस्थापना 1883में स्वामी एलेक्जेंडर ने चखनी मिशन और गाँव को एक हिन्दू महंथ से तेरह हजार रुपये में खरीदा था 1888में फादर का बंगला निवास स्थान बना 1898 में स्वामी जेराल्ड की देखरेख में चखनी गिरजाघर का निर्माण हुआ जिसमें कुल खर्च दस हजार लगा था 1901 के 15 दिसम्बर स्वामी हिलारियन के द्वारा नया गिरजा घर का आशिष तथा गिरजाघर का नाम पबित्र परिवार गिरजाघर रखा गया ।
    
 
बेतिया जिला प,च, 1751 में बेतिया महागिरजाघर का निर्माण  फादर जोसेफ मेरी ने कराया था। इस निर्माण के लिए फादर जोसेफ मेरी और फादर कासियान ने महाराजा से शहर के बीचोबीच जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया और हुआ वहीं। महाराजा ने खुश होकर राजमहल के पास ही चर्च के लिए जमीन उपलब्ध करा दिया। साथ ही साथ चर्च के निर्माण के लिए हर संभव मदद करने का भी आश्वासन दिया। फिर क्या था फादर जोसेफ मेरी फादर कासियान ने अपने सहयोगियों के साथ महागिरजाघर का निर्माण करने की तैयारी शुरू कर दी। फादर सेराफीम जौन की पुस्तक के अनुसार 1743 बेतिया जिला प,च,की महारानी गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। उस वक्त महाराजा ने पत्नी के इलाज के लिए फादर जोसेफ मेरी से आग्रह किया। जिसके बाद उनकी दवा से महारानी जल्द ठीक हो गई। जिसके बाद मार्च 1746 को महाराजा ने फादर जोसेफ मेरी के लिए एक बड़ा और आरामदेह मकान बनवाया, जिसे बेतिया पल्ली निवास कहा जाता है। बेतिया में आज महागिरजाघर सज कर तैयार है। फादर सुशीन ने बताया कि क्रिसमस के 3 सप्ताह पूर्व 3 दिसंबर से ही प्रभु का आगमन काल शुरू हो जाता है। इसी दिन से हम विशेष आध्यात्मिक तैयारी में जुट जाते हैं और विशेष प्रार्थना करते हैं। विशेष प्रार्थना और अध्यात्मिक की तैयारी करने के पीछे प्रभु यीशु को खुश करना है। महागिरजाघर की देखरेख आशिष जॉन करते है। उनका कहना है 25 दिसंबर की रात्री 12 बजे के बाद  से ही गिरजाघर चखनी  में दूर दराज से आये सर्द्धालु के भीड़ होने लगती है। आध्यात्मिक तैयारी के तहत हम विशेष प्रार्थना करते है।
गिरजाघर में प्रभु के आगमन से संबंधित बाइबल पाठ व भजन कीर्तन भी करते है।

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