
बिहार के 42 एसडीओ एवं 6 डीएसओ पर हुई कार्रवाई
पटना,सिकरहना, पकड़ीदयाल,चकिया,बेतिया, नरकटियागंज सहित बिहार के 42 एसडीओ एवं 6 डीएसओ पर हुई कार्रवाई
विजय कुमार शर्मा प,च,बिहार
राजधानी पटना सहित राज्य के 42 अनुमंडलाधिकारियों (एसडीओ) पर कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई नया राशन कार्ड निर्गत करने और अपात्र लाभुकों का कार्ड रद्द करने के साथ आधार से कार्ड को जोड़ने में शिथिलता बरतने पर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने की है। विभाग ने दस जिला आपूर्ति पदाधिकारी और चार आपूर्ति निरीक्षकों पर भी कार्रवाई की है।
जिलाधिकारियों से प्रपत्र ‘क’ (आरोप पत्र) गठित कर मांगा
पटना सदर, पटनासिटी, बाढ़, हाजीपुर, पालीगंज, मसौढ़ी, बखरी, बेनीपट्टी, सुपौल, सोनपुर, पूर्णिया सदर, दलसिंहसराय, डेहरी, समस्तीपुर, निर्मली, रोसड़ा, भभुआ, पकड़ीदयाल, फुलपरास, अररिया, सिकरहना, हथुआ, अरेराज, शेखपुरा, मढ़ौरा, चकिया, बेतिया, सीवान, मोहनिया, लखीसराय, रक्सौल, सहरसा, किशनगंज, वीरपुर, महाराजगंज, पीरो, नरकटियागंज व जगदीशपुर के एसडीओ पर कार्रवाई हुई है।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन सहनी ने बुधवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि आरा और दरभंगा के एसडीओ पर अनुशासनिक कार्रवाई का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया गया है। साथ ही 40 अन्य एसडीओ पर संबधित जिलाधिकारियों से प्रपत्र ‘क’ (आरोप पत्र) गठित कर मांगा गया है।
मंत्री ने बताया कि विभाग ने एसडीओ के अलावा छह जिला आपूर्ति पदाधिकारियों (डीएसओ) पर भी प्रपत्र ‘क’ गठित कर कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजने का फैसला किया है। चार जिला आपूर्ति पदाधिकारियों से 15 दिन मेें जवाब मांगा गया है। जिन जिला अपूर्ति पदाधिकारियों पर प्रपत्र ‘क’ गठित कर दिया गया है उनमें सहरसा के धीरेन्द्र कुमार झा, मुंगेर के सियाराम सिंह, रोहतास के प्रेमकांत सूर्य, सुपौल के सुरेश प्रसाद, शेखपुरा के प्रमोद कुमार और पूर्णिया के नीरज कुमार दास शामिल हैं। साथ ही, जिनसे जवाब तलब किया गया है उनमें कटिहार, मधेपुरा, वैशाली और जहानाबाद के डीएसओ शामिल हैं।
इसी के साथ चार आपूर्ति निरीक्षकों पर भी कार्रवाई की गई है। इसमें केवटी के आपूर्ति निरीक्षक अमरजीत प्रसाद और दरभंगा शहरी के निरीक्षक प्राणनाथ मुन्ना को पीओएस मशीन लगाने और पीडीएस दुकानों की जांच में शिथिलता बरतने के कारण निलंबित कर दिया गया है। कोईलवर की आपूर्ति निरीक्षक महेन्द्र प्रसाद और गडहनी के निरीक्षक धनानंद को भी निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ आधार कार्ड सिंडिंग के अलावा विभागीय आदेश की अवहेलना का आरोप है।
क्या है प्रपत्र ‘क’
प्रपत्र ‘क’ को आरोप पत्र भी कहते हैं। जिस अधिकारी पर यह लगता है उसे सक्षम प्राधिकार द्वारा नोटिस जारी की जाती है। इसमें अधिकारी की विवरणी, आरोपों की सूची, उससे जुड़े साक्ष्य और गवाहों की सूची भी लिखी रहती है। यदि अधिकारी यह साबित करने में कामयाब होते हैं कि आरोप झूठे हैं तो मामला आगे नहीं बढ़ता है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता है तो विभागीय कार्यवाही शुरू कर आरोपों की विस्तृत जांच की जाती है।
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