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जमशेदपुर के एक गार्ड ने लिखी सलमान खान की फिल्म 'दबंग 4' की कहानी

जमशेदपुर के एक गार्ड ने लिखी सलमान खान की फिल्म 'दबंग 4' की कहानी

मानगो उलीडीह के रहने वाले महेंद्र कुमार ने 'दबंग 4; द ब्लैक शैडो' की कहानी लिखी है। विश्वस्तरीय बिजनेस स्कूल एक्सएलआरआई में 'वलहल्ला' कार्यक्रम के दौरान दबंग 4 का स्टैंड लगा था, जो कार्यक्रम में आए लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा था। महेंद्र जल्द ही कहानी को लेकर सलमान खान से मिलने मुंबई जाएंगे। महेंद्र ने बताया कि वे बचपन से ही फिल्मों में गहरी रुचि रखते हैं। वे 10 वर्षों से फिल्मों की कहानी तथा नाटक लिख रहे हैं। अबतक दर्जनों कहानी तथा प्रोमो सांग बना चुके हैं। इनमें आई लव माई जमशेदपुर तथा मैं इंसान हूं की लोगों से काफी सराहना मिली। इसके अलावा विडंबना नामक नाटक भी लिखा, जिसके लिए उन्हें फर्स्ट प्राइज मिला था।
उन्होंने बताया कि अबतक उन्हें बड़ा प्रोजेक्ट नहीं मिल सका है, जहां वे प्रतिभा को साबित कर सकें। सामान्य कहानी तथा प्रोमो सांग लिखने के लिए काफी ऑफर आते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मंजिल बॉलीवुड की कहानी तथा डॉयरेक्टर बनने की है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के चलते वे अपने कदम को तेजी से नहीं बढ़ा पा रहे है। महेंद्र देश के प्रतिष्ठित संस्थान एक्सएलआरआई में सिक्योरिटी गार्ड हैं। वे वेतन से पैसे बचाकर मुंबई जाना चाहते हैं। एक्सएलआरआई के छात्र भी उन्हें प्रोत्साहित करते हैं व आइडिया देते हैं। महेंद्र ने बताया कि वे जमशेदपुर के करीम सिटी कॉलेज के मासकॉम विभाग के छात्र भी रह चुके हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए।एक्सएलआरआई के छात्र साहिल ने बताया, 'महेंद्र को फिल्मों की समझ है। पहली बार 'दबंग 4' की कहानी सुनकर मैं दंग रह गया। कलाकार की कला की कोई सीमा नहीं होती। संस्थान के कई छात्र उनसे फिल्मों से जुड़ी बातें शेयर करते हैं। किसी भी छात्र को महसूस नहीं होता कि वे एक सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं। सभी उनसे प्यार करते हैं।' एक अन्य छात्र सारांश केजरीवाल ने कहा, 'ड्यूटी के दौरान भी महेंद्र मन में फिल्मों की कहानी गढ़ते रहते हैं। काफी व्यावहारिक इंसान हैं। उनका फिल्मों के प्रति लगाव और जुझारूपन उन्हें मंजिल पर जरूर पहुंचाएगा। काफी छात्र उनसे फिल्मों से जुड़ी बातें पूछते रहते हैं।'
एक्सएलआरआई के ही छात्र जयंत जैन ने कहा, 'फिल्मों में रुचि तो ऐसे सभी में होती है, लेकिन कुछलोग ही महेंद्र की तरह होते हैं, जो आर्थिक तंगी के बावजूद भी फिल्मों में काम करने की हिम्मत बनाएं हुए हैं। उनकी लिखी कहानी तथा गीतों में नयापन है। उन्हें केवल एक बड़े मंच की जरूरत है। हालांकि एक्सएलआरआई के छात्र उन्हें आगे बढ़ने के लिए काफी प्रोत्साहित करते हैं।'



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