-->
उम्र से बच्चा लेकिन अनुभव से युवा होकर राहुल खुद के लिए पिता बन परिवार चलाता है

उम्र से बच्चा लेकिन अनुभव से युवा होकर राहुल खुद के लिए पिता बन परिवार चलाता है

*पाकुड से सुदीप कुमार*

पूरे फिज़ा मे राजनीति और इसके हार जीत के समीकरण के बनाने बिगाडने का खेल चल रहा है वही  दूसरी ओर पाकुड नगर परिषद क्षेत्र के तलवाँडाँगा मे चंद दीवारो ओर एक अदद छत के नीचे एक ऐसा भी परिवार गुजर बसर कर रहा है जिसका रहनुमा और कोई नही बल्कि उसी घर का एक ऐसा शख्स है जिसकी उम्र महज ग्यारह साल ही है । उम्र से बच्चा लेकिन अनुभव से व्यस्क हो चुके इस ग्यारह साल का राहुल अपने पुरूषार्थ से अपने एक दादी और दो छोटी बहनो के लिए निवाला जुगाड करने के फिराक मे छोटा मोटा काम करके चंद पैसे इकट्ठा करता है । राहुल के पिता रामकिशन का देहांत मात्र सात दिन पहले ही हुआ है एवं इसकी माँ छः माह पहले अपनी ममत्व एवं जिम्मेदारी का गला घोंट कर कहीं चली गई जिसका पता इनमे से किसी को नही है । राहुल की लगभग पैसठ वर्षीय दादी कोरोबी मंडल भी दूसरे घरो मे काम करके इस उजड चुके गृहस्थी की गाडी खीच रही है । एक पहल के सचिव नीरज मिश्रा के प्रयास के द्वारा इन निराश्रितो को आश्रय देने का भरसक कोशिश की जा रही है । इस बाबत नीरज मिश्रा ने बताया कि केवल भोजन नही बल्कि इन बच्चो के बचपन को भी वापस लाना है । इस संबंध मे नीरज मिश्रा ने चाइल्ड लाइन के संचालक से संपर्क साधा है जिसके कारण उक्त संस्था की दो प्रतिनिधि कर्मी नीरज मिश्रा के साथ राहुल के घर पहुची थी । एक प्रश्न के जबाब मे एक पहल के सचिव ने बताया कि साहब इस परिवार की दयनीय स्थिति मे अगर थोडी सी भी राजनीतिक लाभ होता तो अब तक कई दल के नेता इन तक पहुच जाते लेकिन मंच माइक और मुद्रा के शौकीन नेताओ को इधर देखने की क्या जरूरत ? उसकी सुध लेने के लिए अब तक आने वाले के बाबत पूछने पर ग्यारह वर्षीय राहुल नीरज मिश्रा की ओर ईशारा कर देता है । बताते चले कि राहुल, नीरज मिश्रा का नाम तक नही जानता है ।

0 Response to "उम्र से बच्चा लेकिन अनुभव से युवा होकर राहुल खुद के लिए पिता बन परिवार चलाता है"

Ads 1

TOP CONTENT

ADS 3

ADS 4