
CAA के मुद्दे पर आम लोगो ने अपने अपने विचार रखे
पाकुड से सुदीप कुमार
नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुद्दे पर जहाँ एक ओर सत्तापक्ष एवं विपक्ष दोनो की ओर से जबानी तलवार खिंच चुकी है वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर आम नागरिको की भी अपनी अपनी राय है । इस मुद्दे पर पाकुड नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न गैर राजनीतिक लोगो व कुछ सत्तापक्ष के लोगो के बीच जब आज उनके मन को टटोला गया तो लोगो ने खुलकर अपने विचार रखे । बिजली विभाग के सेवानिवृत कर्मचारी जगदीश पंडित ने CAA के मुद्दे पर कहा कि इस मामले मे विपक्ष खामख्वाह हल्ला मचा रहा है वही भूतपूर्व सैनिक कमलेश चंद्र त्रिवेदी ने कहा कि इस नागरिकता संशोधन अधिनियम की आवश्यकता ही नही पडती अगर धर्म के आधार पर इस देश का बँटवारा ही नही हुआ होता, के के डी एम उच्च विद्यालय के शिक्षक श्रवण कुमार महतो ने इस बाबत खुलकर कहा कि 26 सितंबर 1947 को महात्मा गाँधी ने खुल कर कहा था कि पाकिस्तान मे रहने वाले हिंदू और सिख अगर वहाँ नही रहना चाहते है तो वे भारत मे हर नजरिए से आ सकते है और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कर्तव्य है । पाकुड कोर्ट के अधिवक्ता देवानंद मिश्रा ने कहा कि दरअसल यह कानून ऐतिहासिक काल मे किए गए वादे को अमली जामा पहनाने का प्रयास भर है इस संबंध मे उन्होने आगे कहा कि यह कानून 1950 के नेहरू लियाकत समझौते का अनुपालन ही है जिसे भारत कर रहा है लेकिन पाकिस्तान इस समझौते का वर्षो पूर्व गला घोंट चुका है । लिट्टीपाडा के भाजपा नेता दानियल किस्कु ने कहा कि केद्र सरकार के द्वारा बनाए गए कानून संविधान प्रदत्त केंद्र सूची की श्रेणी मे आते है जिसके लिए कोई भी राज्य सरकार मना नही कर सकता है उनहोने आगे कहा कि यह कानून केवल उन लोगो को नागरिकता देने का काम करेगा जो जिन्हे पिछले 70 वर्षो से बुनियादी अधिकारो से वंचित रखा गया था । भाजपा के नगर अध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिवेदी ने सीधे तौर पर कहा कि इस कानून का वास्तविक उद्देश्य शरणार्थियो को नागरिकता प्रदान करना है घुसपैठियो को नही ।
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