
नागरिकता कानून के नाम पर केंद्र साजिश रच रही है एवं खुद की राजनीतिक फसल काटना चाह रही है
*पाकुड से सुदीप कुमार*
CAA के द्वारा केंद्र सरकार एक सुनियोजित साजिश रच रही है ताकि इस देश को हिंदू-मुस्लिम उन्माद की आग मे झोंक कर अपनी राजनीतिक रोटी सेक सकें । जब देश की आर्थिक स्थिति डावाँडोल हो तो इस समय देश को CAA, NRC एवं NPR के गफलत मे डालना हास्यास्पद है ।नागरिकता संशोधन कानून केन्द्र सरकार वापस लें। क्या भारतीय लोगों (नागरिकों) को चुनावों में अपने मताधिकार के बाद अपनी नागरिकता साबित करनी होगी ?सीएए और एनआरसी को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। उक्त बातें तृणमूल काँग्रेस के जिलाध्यक्ष आसराफूल शेख ने उदित राज से दूरभाष पर वार्ता के क्रम मे कही । एक सवाल के जबाब मे जिलाध्यक्ष ने कहा कि लोकतंत्र मे मजबूत विपक्ष की परिकल्पना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान होती है और आज जब नागरिकता संशोधन अधिनियम, NRC तथा NPR के मुद्दे पर जब विपक्ष मजबूती के साथ विरोध कर रहा है तो फिर सरकार विपक्ष की आवाज को तानाशाही मानसिकता व तरीके के आधार पर दबाना चाह रही है । तृणमुल काँग्रेस जिलाध्यक्ष ने हिंसात्मक विरोध को नकारते हुए कहा कि लोकतंत्र हर भारतीय को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार देता है जिसके तहत नागरिक अपना समर्थन व विरोध दर्ज कर सकता है लेकिन विरोध के नाम पर हिंसा करना व आगजनी करके सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचाना बेहद गलत है । एक सवाल के जबाब मे जिलाध्यक्ष ने कहा कि बंगाल की सरकार पर हिंसा या दंगे करवाने का आरोप लगाना सत्तापक्ष की गलत मानसिकता को दर्शाती है । बंगाल की ममता सरकार पूर्णतः संविधान सम्मत चल रही है एवं सही अर्थ मे माँ माटी मानुष की सकारात्मक राजनीति करती है । वहीं काँग्रेस के जिलाध्यक्ष उदय लखवानी ने इस बाबत खुले तौर पर कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम हो या फिर NPR हो इन सबके बहाने केंद्र सरकार दो काम करना चाहती है, पहला कि वो हर मोर्चे पर जारी विफलता को छूपा सके और दूसरी कि देश को धार्मिक उन्माद मे डालकर अपनी राजनीतिक फसल काट सके ।
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