
एक दिवसीय वीपीडी कार्यशाला में बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों को दी गयी जानकारी
शुक्रवार, 10 जनवरी 2020
छपरा बिहार
• प्रोजेक्टर के माध्यम से दी गयी जानकारी
• बेहतर कार्य करने वालों को किया गया सम्मानित
• लक्षण की पहचान कर बेहतर प्रबंधन पर बल
विजय कुमार शर्मा बिहार
छपरा/ 10 जनवरी। सदर अस्पताल परिसर स्थित नए एएनएम स्कूल के सभागार में वैक्सीन प्रीवेंटबल डिजिज (वीपीडी) विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ क्षेत्रीय अपर स्वास्थ निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने संयुक्त रूप से किया। प्रतिरक्षण कार्यालय की ओर से कार्यशाला आयोजित की गयी। जिसमे प्रत्येक प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बीएचएम व नोडल को ट्रेनिंग दी गयी। कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन ने किया। इसमें टीकों से बचाव वाली बीमारी जैसे पोलियो डिप्थीरिया (गलघोटू) परट्यूसिस (काली खांसी) नियोनेटेल टिटनेस (नवजात टिटनेस) के सर्विलेंस के बारे में बताया गया। इसमें एएफपी, मिजिल्स, डीप्थीरिया, काली खांसी व नवजात टेटनस जैसे गंभीर बीमारियों के बेहतर ईलाज की भी जानकारी दी गयी।
कार्यशाला में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा ने चिकित्सकों जानलेवा बीमारियों के लक्षण, जांच के तौर तरीके व लैब सेंपल की जानकारी दी। अगर 15 साल तक के बच्चे का कोई अंग छह माह तक लुंज या कमजोर दिखे तो ये एएफपी के लक्षण हैं.
कार्यशाला में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार शर्मा ने चिकित्सकों जानलेवा बीमारियों के लक्षण, जांच के तौर तरीके व लैब सेंपल की जानकारी दी। अगर 15 साल तक के बच्चे का कोई अंग छह माह तक लुंज या कमजोर दिखे तो ये एएफपी के लक्षण हैं.
लक्षण की पहचान कर बेहतर इलाज प्रबंध करें:
एसएमओ (डब्लूएचओ) डा. रंजितेश कुमार ने बताया बुखार, गले में दर्द, टांसील लाल व उसके आसपास व्हाईट व डार्क ग्रे थक्का और झिल्ली आदि गलघोटु और कम से कम दो सप्ताह से खांसी, खांसने के बाद उल्टी होना आदि काली खॉसी के लक्षण हैं। इसी तरह नवजात टेटनस के लक्षण व बचाव के बारे में बताये। उन्होने कहा इन गंभीर बीमारियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन बीमारियों के लक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही मरीज में कैसे इन बीमारियों के लक्षण को तलाशेंगे और इसके क्या उपाय होंगे। इसपर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेष कुमार ने कार्यशाला में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
कम्युनिटी को भी जागरूक करें:
इस दौरान कम्युनिटी को भी जागरूक करने की बात कही गयी. यह बताया गया कि हर बच्चों को वैक्सीन जरूर दिलायें, क्योंकि वैक्सीन उपलब्ध रहने के बाद भी जानकारी के अभाव में जान चली जाती है। ऐसे मरीज दिखे तो तुरंत डब्लूएचओ व डीआईओ को जानकारी दें।
बेहतर कार्य करने वाले चिकित्सा कर्मी हुए सम्मानित:
इस मौके पर पिछले वर्ष टीकाकरण मे बेहतर कार्य करने चिकित्सको व बीएचएम- बीसीएम समेत अन्य चिकित्सा कर्मियों को सिविल सर्जन ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा उनके द्वारा किये गए कार्यो की सराहना की।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अपर स्वास्थ निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, डीआईओ डॉ अजय कुमार शर्मा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ रंजितेश कुमार, निवर्तमान डीआईओ डॉ वीके चौधरी, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चन्द्र कुमार, डीएमएनई भानू शर्मा, डीसीएम ब्रजेन्द्र कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
इस मौके पर पिछले वर्ष टीकाकरण मे बेहतर कार्य करने चिकित्सको व बीएचएम- बीसीएम समेत अन्य चिकित्सा कर्मियों को सिविल सर्जन ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा उनके द्वारा किये गए कार्यो की सराहना की।
इस अवसर पर क्षेत्रीय अपर स्वास्थ निदेशक डॉ अरविंद कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, डीआईओ डॉ अजय कुमार शर्मा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ रंजितेश कुमार, निवर्तमान डीआईओ डॉ वीके चौधरी, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, डीपीएम अरविंद कुमार, डीपीसी रमेश चन्द्र कुमार, डीएमएनई भानू शर्मा, डीसीएम ब्रजेन्द्र कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे।