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मियाद के पूर्व ही पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई

मियाद के पूर्व ही पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई

पाकुड से सुदीप कुमार
पाकुड नगर परिषद क्षेत्र के निवासी व राजद जनतांत्रिक के जिलाध्यक्ष गौतम मंडल ने विभागीय साँठगाँठ व बिचौलिए प्रथा के द्वारा आधारभूत संरचना के बर्बाद किए जाने के बाबत झारखंड के मुख्यमंत्री को लिखित शिकायती पत्र प्रेषित किया है । राजद जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री झारखंड सरकार के नाम प्रेषित पत्र मे कहा है कि राज्य के पाकुड जिले के महेशपुर प्रखंड के चंडालमारा नदी के उपर मात्र चार वर्ष पूर्व ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल पाकुड के द्वारा करोडो रूपए की लागत से एक पुल का निर्माण किया गया था जो कि अपने निर्माण के मात्र चार वर्ष बाद ही पिछले बारिश की चपेट मे आकर जमीदोज हो गया । जिलाध्यक्ष ने अपने पत्र मे आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि पुल जैसे आधारभूत संरचना का अपने मियाद से पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो जाना कही न कही विभागीय बाबुओ की सुविधाभोगी व कमीशनखोरक से युक्त गलत कार्यप्रणाली की ओर ईशारा करती है । गौतम मंडल के अनुसार उक्त पुल निर्माण कार्य मे व्यापक रूप से वित्तीय अनियमितता बरती गई है तथा इस कार्य के कनीय अभियंता संवेदक पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई है । पत्र के अनुसार संवेदक इस राज्य के एक सांसद के करीबी के रूप मे विख्यात है एवं कनीय अभियंता मदन मोहन सिंह फिलवक्त दुमका मे कार्यरत है । जिलाध्यक्ष ने इस मामले मे मुख्यमंत्री से यथोचित प्रशासनिक कार्यवाही करने का अनुरोध किया है । इस बाबत उक्त कार्य के कनीय अभियंता मदन सिंह से उनके दूरभाष नंo 9162863234 पर संपर्क साधने के बाद उन्होने बताया कि इस मामले मे कार्यवाही भी हुई है और जाँच प्रतिवेदन के आधार पर काम भी चालू है जिसके लिए ठीकेदार से शपथपत्र भी लिया गया है ताकि इसमे सरकार का पैसा खर्च ना हो बल्कि दोषी के पैसे से उक्त पुल का निर्माण हो सके । एक सवाल के जबाब मे कनीय अभियंता ने बताया कि वर्ष 75 के बाद अचानक पानी के बढे वेग एवं बालू माफिया के द्वारा अनवरत बालू उठाव के कारण उक्त पुल समय से पहले क्षतिग्रस्त हो गया । इस मामले मे उन्होने सिरे से वित्तीय अनियमितता के बरते जाने की बात को नकारते हुए कहा कि कुछ लोग बेवजह इस मामले मे भयादोहन करने का काम कर रहे हैं ।

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