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निर्भया केस: फांसी के बाद अक्षय ठाकुर का शव देख पत्नी बोली, पति को जिंदा नहीं ला पाई

निर्भया केस: फांसी के बाद अक्षय ठाकुर का शव देख पत्नी बोली, पति को जिंदा नहीं ला पाई

निर्भया कांड में फांसी दिए जाने के बाद नवीनगर के लहंग करमा गांव निवासी अक्षय कुमार ठाकुर का शव शनिवार की सुबह उसके पैतृक गांव लाया गया। दिल्ली से एंबुलेंस से लाश को यहां लाया गया और फिर दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। 

पति की लाश लेकर लौटी पत्नी पुनीता देवी लगातार रोए जा रही थी। एंबुलेंस के रुकते ही वह रोने लगी। उसे किसी तरह अन्य महिलाओं ने संभाला। महिला बार-बार रट लगा रही थी कि वह अपने पति को जिंदा नहीं ला पाई। उसे उम्मीद थी कि वह उन्हें जिंदा लेकर लौटेगी। मृतक के पुत्र का भी यही हाल था। उसे भी लोगों ने किसी तरह से चुप कराया। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर खासा आक्रोश था। लोग फांसी को गैरजरूरी बता रहे थे और की गई कार्रवाई पर भी सवाल उठा रहे थे। 
लाश के एंबुलेंस से उतरते ही परिजन रोने लगे और स्थानीय लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। अक्षय ठाकुर के पिता सरयू सिंह सहित अन्य परिजन यहां बिलखने लगे। अक्षय की मां का भी रो रोकर बुरा हाल था। स्थानीय ग्रामीणों ने परिजनों को किसी तरह समझा-बुझाकर चुप कराया। इसके बाद दाह संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई। पत्नी पुनीता देवी शव से बार-बार लिपट रही थी। उसके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।
शव को मुखाग्नि पुत्र प्रियांशु कुमार और मृतक के पिता सरयू सिंह ने दी। दिल्ली से एंबुलेंस से लाश लेकर लौटे अक्षय के भाई विनय सिंह ने कहा कि उन लोगों के पास लाश को लाने के लिए पैसे नहीं थे। किसी तरह की कोई सहायता भी नहीं मिली थी। इसके बाद उन्होंने अपने स्तर से पैसों का जुगाड़ किया और लाश लेकर लौटे।

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