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72 वी एकल महाआरती को स्वरांजलि संस्था के प्रबंधक संगीत आनंद ने अकेले किया।

72 वी एकल महाआरती को स्वरांजलि संस्था के प्रबंधक संगीत आनंद ने अकेले किया।


विजय कुमार शर्मा बगहा प,च,बिहार


वाल्मीकिनगर-  भारत नेपाल सीमा पर अवस्थित शिवालय घाट त्रिवेणी धाम नेपाल परिसर में 72 वीं नारायणी गंडकी महा आरती की गई । वही भारतीय क्षेत्र में स्थानीय बेलवा घाट पर संस्था के प्रबंधक एवं समाजसेवी संगीत आनंद ने सांकेतिक रूप से महा आरती करके नियमित मासिक महाआरती की परंपरा का निर्वाह किया। संगीत आनंद ने बताया कि लॉक डाउन की स्थिति में महाआरती का निर्देश अश्वमेध पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी उपेंद्र पाराशर जी महाराज एवं कोटि होम आश्रम नेपाल के पीठाधीश श्री गुरु वशिष्ट जी महाराज ने संयुक्त रूप से जारी किया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है। जब तक लॉक डॉन की स्थिति बनी रहेगी तब तक भारत नेपाल के दोनों तटों पर सिर्फ पुजारी बाबा द्वारा ही सांकेतिक रूप से महाआरती होगी  स्थिति सामान्य होने पर दोनों देशों के लोग संयुक्त रूप से एकजुट होकर भव्यता के साथ महा आरती कर सकेंगे । श्री नारायणी गंडकी माता महा आरती व्यवस्थापन समिति नेपाल के कोषाध्यक्ष मोतीलाल ढकाल ने बताया कि संतो के दिशा निर्देश का भली-भांति पालन किया गया। बताते चलें कि 6 नवंबर 2014 से हर महीने की पूर्णिमा तिथि को स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा नारायणी गंडकी महाआरती-  पर्यावरण संरक्षण संवर्धन,  प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा ,एवं विश्व शांति के लिए की जाती है। सरकारी लॉक डाउन के आदेश के निमित्त  संस्था से जुड़े भारत नेपाल के  भक्तों ने अपने घरों में रहकर घी का दीप प्रज्वलित करके महा आरती एवं कोरोनावायरस से मुक्ति के लिए मंत्रों का पाठ किया। संस्था के निदेशक डी आनंद ने बताया कि हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए। भीड़-भाड़ से बचना है । सरकार द्वारा निर्गत आदेश एवं निर्देशों का पालन करके ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं। महा आरती के इतिहास में पहली बार सादगी पूर्ण तरीके से सिर्फ पुजारी बाबा द्वारा सांकेतिक रूप से एकल महा आरती की गई ।
आज प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के चलते ही हमें ऐसे दिन देखने पड़ रहे हैं । जीव हत्या और दूषित खानपान के चलते ही ऐसी गंभीर बीमारियां जन्म ले रही है। उक्त बातें श्री बालक दास बाबा जी महाराज द्वारा दूरभाष पर कही गई। बताते चलें कि लगातार विगत कई वर्षों से संस्था द्वारा प्राकृतिक धरोहरों की रक्षा एवं शाकाहार पर बल दिया जाता रहा है।।अपने घरों में रहकर महा आरती की परंपरा का निर्वाह करने वाले भक्तों में थारू कला संस्कृति एवं प्रशिक्षण संस्थान के सचिव  होम लाल प्रसाद, नेपाल की गायिका आशा साहू ,अभिनेत्री कुमारी संगीता, नेपाल के मुक्तिनाथ धाम पीठाधीश्वर  लोक आनंद  स्वामी जी महाराज,  संगीतकार केदारनाथ पांडे, थरुहट के गायक कार्तिक कुमार काजी,  समाजसेवी नवरत्न प्रसाद, साहित्यकार सच्चिदानंद सौरभ, भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गुप्ता, वार्ड समिति सदस्य विनोद मद्धेशिया, शिक्षाविद राधेश्याम पांडे , शंकर वाटिका महाराजगंज के धर्मेंद्र गुप्ता, व्याख्याता आशुतोष कुमार मिश्रा, राजेश निगम, प्रमोद कुमार रौनियार, अखिलेश सह,एवं गायक शिवचंद्र शर्मा के नाम उल्लेखनीय है।

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