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दी आर्ट ऑफ लिविंग धनबाद परिवार ने गुरुपूर्णिमा श्रद्धा और कृत्यगता के साथ गुरुपूजन, ध्यान, सत्संग आईआईटी आईएसएम निर्देशक के प्रांगण में मनाया।

दी आर्ट ऑफ लिविंग धनबाद परिवार ने गुरुपूर्णिमा श्रद्धा और कृत्यगता के साथ गुरुपूजन, ध्यान, सत्संग आईआईटी आईएसएम निर्देशक के प्रांगण में मनाया।

रवि फिलिप्स (ब्यूरो प्रमुख धनबाद)


धनबाद :गुरुपूर्णिमा के शुभ उपलक्ष में दी आर्ट ऑफ लिविंग धनबाद के श्रद्धालु हर्षोल्लास और धूम धाम के साथ आज का क्रायकर्म गुरु पूजा से आरंभ और पूर्णिमा ध्यान चंद्रमा की पावन रोशनी में संपन्न हुआ। गणपति बप्पा मोरया, गुरु माता पिता, ॐ नमः शिवाय, भोले की जय, नारायण नारायण जय जय गोविंद हरे जैसे कर्णप्रिय भजनों से सत्संग की ध्वनि पूरी आईएसएम आईआईटी निदेशक के प्रांगण में गूंज उठी।



आषाढ़ माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति, सुख-शांति की वर्षा होत होती है। ऐसे में श्रद्धालुओं द्वारा बहुत ही आस्था के साथ गुरु पूर्णिमा का पालन किया जाता है। गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा दर्शाने के लिए देश व झारखंड राज्य के विभिन्न स्थानों में टी ए ओ एल के अनुयायी नाना प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया। अपने गुरु श्री श्री रविशंकर जी की लंबी आयु की कामना के लिए आराधक ने ईश्वर से प्रार्थना की और ज्ञान की इस पथ पर सदैव अग्रसर रहे उसकी कामना भी किया गया।  पूजन सत्संग में प्रसाद, फल फूल  अर्पण कर अनुयायी अपनी आभार कृतज्ञता प्रकट की। 


आज के अवसर को लेकर श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा गया। इस कार्यक्रम को सुचारू रूप से सफल बनाने में आईआईटी निदेशक राजीव शेखर, ABC मिडिया कोऑर्डिनेटर मयंक सिंह, उषा प्रसाद, प्रशिक्षिका सोनाली सिंह, अनुप्रिया गुप्ता, प्रियंका रंजन, झुमू सिंह, विधू शेखर, हेमलता सिंह, चंदा सिन्हा, प्रकाश वर्मा, रामाधार प्रसाद, मृत्युंजय सिंह, राकेश पांडेय, संजय सिन्हा, सोनी कुमारी, सुजाता सिंहा, अमरेश सिंह, विनोद तुलसियान, सुमन झा, निरमला गुप्ता इत्यादि शामिल हुए।



हिंदू धर्म की मान्यताएं के अनुसार, आषाढ़ माह की पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करते हैं, लोग अपने गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं। इस दिन शिष्य बुरी आदतों को छोड़ने का  प्रण भी लेते हैं और जीवन पर्यंत अपने संकल्प को निभाते हैं। वहीं गुरु का भी कहना है कि आपने जो भी संकल्प लिया हो उसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए, तभी आपका जीवन सफल हो पाएगा।

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