निमाई कालिंदी की मृत्यु पर मर्माहत : डा. चटर्जी
रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद)
केंदुआटांड़ ( बलियापुर ) आज ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड जिला इकाई धनबाद व लोक हित विकाश संस्था बलियापुर के द्वारा केंदुआ टांड़ , बलियापुर प्रखंड कार्यालय के समीप पूर्व कला जत्था प्रभारी जिला साक्षरता वाहिनी धनबाद व ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड जिला इकाई धनबाद के निमाई कालिंदी का श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई ।
इस अवसर पर मुख्य रूप से भारत ज्ञान विज्ञान समिति के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. काशी नाथ चटर्जी , ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड से उपाध्यक्ष हेमंत कुमार जायसवाल , मुकुल चंद्र रोहिदास , विकाश कुमार ठाकुर , गौतम प्रसाद मौजूद थे ।
सर्व प्रथम स्व .निमाई कालिंदी के तस्वीर पर सभी उपस्थित लोगों द्वारा श्रद्धांजलि देते हुए अपने विचार में हेमंत कुमार जायसवाल द्वारा निमाई कालिंदी के जीवन के कार्यों के संदर्भ में कहें की साक्षरता आंदोलन के शुरुवाती 1994 वर्ष में अपने गीत के माध्यमों से साक्षरता का संदेश जन - जन तक पहुंचाएं।
डॉ. काशी नाथ चटर्जी द्वारा स्व . निमाई कालिंदी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहें की निमाई कालिंदी को 1994 वर्ष में कला जत्था में निकल कर आए थे जिला स्तर में इनका जन मानस की बीच बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान था । निमाई कालिंदी बहुत अच्छे गायक थे जिन्हें हम सबों ने खो दिया , सामाजिक संगठनों को आत्मालोचना भी करना चाहिए की सामाजिक संगठन साक्षरता आंदोलन का जो इतिहास था इनका कला जत्था व क्रांतिकारी , आत्म स्वाभिमान व्यक्तित्व थे जिन्हे हम सब बचा नही पाए । आज ऐसे साथी की सामाजिक परिवर्तन में जरूरत है।
इनके कार्यों से प्रेरित होकर साक्षरता आंदोलन के समय तत्कालीन उपायुक्त सुधीर कुमार इन्हे नौकरी का अवसर भी दिए पर इन्होंने नौकरी नही किए सामाजिक परिवर्तन , जन आंदोलन में ही अपने जीवन में कार्य किए ।
इसके साथ ही निमाई कालिंदी के श्रद्धांजलि सभा में मुकुल चंद्र दास , विकाश कुमार ठाकुर ,भोला नाथ राम , गौतम प्रसाद , मधेश्वर नाथ भगत व रवि सिंह अपने विचार रखें ।
इसके पश्चात श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी लोग स्व. निमाई कालिंदी के परिवार जनों से मिले इनके परिवार को सांत्वना दिए।
निमाई कालिंदी के मृत्यु के पश्चात इनकी पत्नी ममता देवी के अलाव 8 बेटियां हैं , इनमें से 5 पुत्री का विवाह हो चुका है । सबसे छोटी पुत्री गुड़िया कुमारी 13 वर्ष की है ।
इस श्रद्धांजलि सभा को सफल करने में मो. मुस्ताक आलम , मो. इस्तेखार आलम , मो. एजाज , मो. हसनैन व मो. महताब का सहयोग रहा ।
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