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JBVNL के बिजली दर वृद्धि प्रस्ताव पर आयोग को जन सुनवाई में लगेगा समय बिजली दरों में वृद्धि नहीं होने से निगम को सालाना छह हजार करोड़ का नुकसान

JBVNL के बिजली दर वृद्धि प्रस्ताव पर आयोग को जन सुनवाई में लगेगा समय बिजली दरों में वृद्धि नहीं होने से निगम को सालाना छह हजार करोड़ का नुकसान

रवि फिलिप्स  (ब्यूरो चीफ धनबाद)

धनबाद ;नयी बिजली दरें निर्धारण की प्रक्रिया राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुरू कर दी है. झारखंड बिजली वितरण निगम के प्रस्ताव पर आयोग को जन सुनवाई करने मे समय लगेगा. संभावना है कि सितंबर माह मे आयोग की ओर से जेबीवीएनएल की जनसुनवाई की तारीख घोषित कर दी जायेगी. नियामक आयोग की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है. नये सदस्यों के पदभार ग्रहण के बाद आयोग ने जेबीवीएनएल के प्रस्ताव का अध्ययन कर लिया है. वहीं, इन दिनों जमशेदपुर में बिजली दरों के निर्धारण के लिये जनसुनवाई की जा रही है. जिसमें टाटा पावर, टाटा स्टील और जुस्को के लिये जनसुनवाई की जा रही है.

नियामक आयोग के सचिव राजेंद्र नायक की मानें तो जमशेदपुर मे टैरिफ निर्धारण पर जनसुनवाई हो रही है. जेबीवीएनएल के प्रस्ताव पर जनसुनवाई पर अभी समय है. प्रक्रिया पूरी होते तारीख घोषित की जायेगी.


साल 2021 से खाली है आयोग


नियामक आयोग साल 2021 से खाली रहा. इस साल मई महीने में राज्य सरकार की ओर से सदस्य तकनीकि और सदस्य विधि पद पर नियुक्ति की गयी. जिसमें सदस्य तकनीकि बनाये गये पूर्व इंजीनियर अतुल कुमार और सदस्य विधि बनाये गये रिटायर्ड जज महेंद्र प्रसाद. इनके पदभार ग्रहण के साथ ही आयोग में प्रक्रिया शुरू हुई. जानकारी हो कि पूर्व में साल 2020 में अध्यक्ष और फिर साल 2021 में सदस्य पद खाली हुआ. जिससे दो साल तक आयोग डिफंक्ट रहा.




2020 में तय की गयी थी दरें


राज्य में बिजली दरें साल 2020 में की गयी थी. इस साल दोनों सदस्य पद में अधिकारी नियुक्ति रहे. जिसके कारण बिजली दरें तय हो पायी. हालांकि इस साल कोरोना महामारी के कारण आयोग में दरों में वृद्धि नहीं की. जिससे आमजनों को राहत मिली. हालांकि जेबीवीएनएल की ओर से हर साल आयोग को बिजली दरों में वृद्धि संबधी प्रस्ताव दिया गया.


जेबीवीएनएल ने दिया है वृद्धि का प्रस्ताव


जेबीवीएनएल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दिसंबर में नया बिजली टैरिफ आयोग के पास जमा किया है. जेबीवीएनएल ने इस साल के लिए 16.17 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इस प्रस्ताव में निगम ने बताया है कि बिजली दरों में वृद्धि नहीं होने से निगमा को सालाना छह हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.

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