दूसरा दिन बी.आई.टी. सिंदरी की नवीकृत वेबसाइट के उद्घाटन के साथ शुरू हुआ।आई.आई.टी. (आई.एस.एम.) धनबाद के उप-निदेशक, प्राध्यापक धीरज कुमार ने सभा में अपने प्रेजेंटेशन को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया।
रवि फिलिप्स (ब्यूरो चीफ धनबाद)
SINDRI :स्टार्ट-अप सेल, बी. आइ. टी. सिंदरी द्वारा आयोजित इंटरनेशनल सिमपोजियम ऑन आंत्रप्रेन्योरशिप डिजिटल एरा - २०२२ का बहुप्रतीक्षित दूसरा दिन बी.आई.टी. सिंदरी की नवीकृत वेबसाइट के उद्घाटन के साथ शुरू हुआ। निदेशक डॉ. डी.के. सिंह ने इस प्रक्रिया में शामिल संस्थान के छात्र आमिर, शुभदा,सुमित, आशीष, अविनाश, और मेघा की सराहना की। उन्होंने टीम का मार्गदर्शन करने के लिए प्राध्यापक ऐस.सी. दत्ता, प्राध्यापक अक्रम और प्राध्यापक प्रभाकर का धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने
उन्होंने बी.आई.टी सिंदरी के पूर्व छात्र, श्री अरिजीत चैटर्जी और मोगीशुद्दीन रज़ा को वेबसाइट के नवीनीकरण और इसमें ए.आई. लैब्स को शामिल करने के लिए आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही बी. आइ. टी सिंदरी के फाइनल ईयर के छात्र, आमिर अख्तर के नेतृत्व में छात्रों की टीम द्वारा लिए गए बी.आई.टी. सिंदरी के परिसर वीडियो को उपस्थित दर्शकों को दिखाया गया।
इसके पश्चात १९८३ सत्र के पूर्व छात्र एवं सिक्योर नेटवर्क सॉल्यूशंस के संस्थापक व सी.ई.ओ., श्री एन.के. मेहता अपनी स्टार्टअप यात्रा के सन्दर्भ में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हैं और चेन्नई में अपने संघर्षों के बारे में सभी को बताते हैं। अपने स्टार्टअप से लोगों को परिचित कराते हुए उन्होंने बताया कि उनका स्टार्टअप "गतिशील डेटा सुरक्षा" से संबंधित है। श्री मेहता ने अपने संबोधन के दौरान उद्यमिता के समानान्तर डेटा सुरक्षा की महत्ता को दर्शाते हुए कहा, "आज हर कंपनी अपनी बोर्ड मीटिंग में डेटा सुरक्षा पर चर्चा करती है।" डेटा सुरक्षा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनका यह अथक प्रयास रहेगा कि आने वाले भविष्य में वह अपनी कंपनी को डेटा सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के उच्चतम कंपनियों में से एक बनाएं।
सत्र को आगे ले जाते हुए आई.आई.टी. (आई.एस.एम.) धनबाद के उप-निदेशक, प्राध्यापक धीरज कुमार ने सभा में अपने प्रेजेंटेशन को दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किसी संस्थान में स्टार्टअप संस्कृति को उसके प्राध्यापक, पूर्व छात्रों और वर्तमान के छात्रों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए, जिससे उस संस्थान में स्टार्टअप संस्कृति आगे बढ़े। उन्होंने छात्रों को खनन क्षेत्र में नवाचारों का नेतृत्व करने के लिए बनाई गई कंपनी, टेक्समिन (टेक्नोलॉजी इनोवेशन इन एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग फाउंडेशन) अनुभाग - ८ के बारे में बताया। उन्होंने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि भारत में अभी भी डीप माइनिंग की तकनीक का अभाव है, जिसके कारण हम खनन के लिए ज़्यादा गहराई में नहीं जा पाते हैं और हमें कोयले के आयात पर १,६६,००० करोड़ ख़र्च करना पड़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे भारत ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफ़ी प्रगति की है, और इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने यू.पी.आई. और आधार की सफ़लता पर बात की, जिसके लिए दुनिया भारत की सराहना करती है। उन्होंने छात्रों को आई.ओ.टी., फिनटेक, रोबोट्रोनिक्स आदि जैसे अधिक तकनीकी क्षेत्रों में खुद को शामिल करने की भी सलाह दी।
मेजर जनरल ब्रज भूषण झा के संबोधन के पश्चात मेकाॅन के उप-निदेशक श्री एस.के. वर्मा ने संगोष्ठी में उपस्थित लोगों को संबोधित करते कोर सेक्टर में स्टार्टअप्स की महत्ता को बताया। उन्होंने कच्चे माल के संसाधन के लिए काम करने वाले स्टार्टअप्स की कमी पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि कैसे कुछ देश हमारे देश से कच्चे माल का उपयोग करके पैसा कमा रहे हैं और यह एक ऐसी समस्या है जिसे दूर करने की ज़रूरत है। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए बताता कि हमारे देश में उन स्टार्टअप्स पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो हमारे देश के प्राकृतिक संसाधनों को देश के विकास के लिए इस्तेमाल करने में सक्षम हों।
सभा के अगले वक्ता माउंट एवरेस्ट टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक, साजिद हुसैन थे। उन्होंने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बताया कि माउंट एवरेस्ट टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड एक ऐसा स्टार्टअप है जो भारत की शिक्षा व्यवस्था को परिपूर्ण बनाने की कोशिश करता है। उनका स्टार्टअप बी.आई.टी. सिंदरी के इनक्यूबेशन सेंटर में निर्देशानुसार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए शुरुआत से अपने स्टार्टअप की यात्रा को विस्तारपूर्वक प्रकाशित किया।
आज के कार्यक्रम के अन्य वक्ताओं में डॉ. अंबुज कुमार, आरहस विश्वविद्यालय, डेनमार्क एवं सफल उद्यमी श्री अमर यादव भी शामिल थे।
ब्लॉसम स्प्रिंग, इंद्रतम ई-बाइक, न्यूएरा, बुक्सविला सहित १४ अन्य ने उद्यम पूँजीपतियों के समक्ष अपने दिलचस्प स्टार्टअप आइडियाज़ पेश किए।
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