
जन्म-मृत्यु से जुड़े सूचनाओं को 21 दिनों के अंदर करायें निःशुल्क पंजीकृतः-उपायुक्त
मंगलवार, 6 दिसंबर 2022
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मुन्ना कापरी(देवघर) :-
उपायुक्त सह जिला दण्डाकारी मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को सूचना भवन सभागार में जिलास्तरीय जीवनांक संबंधी प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान उपायुक्त द्वारा दीप प्रज्वलित कर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इसके अलावे कार्यक्रम में सभी को संबोधित करते हुए उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कार्यक्रम के आयोजन की महता और आवश्यकताओं से सभी को अवगत कराया। साथ ही उपायुक्त द्वारा जानकारी दी गयी कि जन्म-मृत्यु निबंधन क्यों जरूरी है। साथ ही जन्म-मृत्यु निबंधन में होने वाली समस्याओं को दूर करने की जानकारियों के अलवा विभिन्न प्रपत्रों को भर कर आवेदन करने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी से सभी को अवगत कराया।
डीसी ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की संख्या को अत्यधीक करने के उदेश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है। हम सभी ने कोविड काल में इसकी अहमियत को भी देखा है। साथ ही जन्म प्रमाण पत्र हरेक व्यक्ति के साथ-साथ सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के लिए भी अतिआवश्यक है। वर्तमान मे देवघर जिला अन्तर्गत कुल 212 रजिस्ट्रीकरण ईकाई है, जिनमें पंचायत अन्तर्गत 194, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 08, सदर अस्पताल 01, अति0 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 06, नगर निगम देवघर 01, नगर परिषद मधुपुर 01 व एम्स देवीपुर 01 रजिस्ट्रीकरण ईकाई है। आगे उपायुक्त ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है कि लिपिकीय भूल, स्पेलिंग मिस्टेक जैसी गलती बिल्कुल जिरो हो। इसका विशेष रूप से ध्यान रखें, ताकि आम लोगों को इसमें सुधार हेतु कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र लेना बच्चे का प्रथम वैधानिक अधिकार और पहचान पत्र है। जनसंख्या और स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों के अलावा सरकार द्वारा बनायी जाने वाली विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं में भी इनका महत्व है। जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण की प्रक्रिया के तहत 21 दिन के अंदर सूचना देना आवश्यक है। अस्पताल या अन्य संस्थाओं में जन्म-मृत्यु होने पर अस्पताल के प्रभारी द्वारा जिला रजिस्ट्रार को सूचना दिया जाना है। नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकायों के अधिकारी रजिस्ट्रार के रूप में काम करते हैं। निजी अस्पतालों द्वारा नगरीय निकायों के रजिस्ट्रार को उनके अस्पताल में हुए जन्म-मृत्यु की सूचना दी जानी है। साथ ही उन्होंने जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के प्रावधानों के तहत किये जाने वाले कार्यों की जानकारी सभी को दी।
प्रशिक्षण सह कार्यशाला के दौरान जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा जिला स्तरीय एकदिवसीय जीवनांक से संबंधित प्रशिक्षण सह कार्यशाला में प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी-सह-रजिस्ट्रार, अनुमण्डलीय अस्पताल, मधुपुर के रजिस्ट्रार, नगर निगम, देवघर, नगर परिषद, मधुपुर के रजिस्ट्रार/प्रखण्ड-देवघर, करौं एवं देवीपुर के सभी पंचायत सचिव तथा शिक्षा विभाग, बाल विकास परियोजना, सभी कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं कर्मियों को विस्तृत रूप से इस संबंध में जानकारी दी गयी। साथ हीं प्रशिक्षण में सभी नियम एवं धारा से संबंधित विस्तृत चर्चा की गयी। साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा जन्म/मृत्यु प्रमाण पत्र ससमय निर्गत करने एवं शतप्रतिशत ऑनलाईन के माध्यम से प्रमाण पत्र जारी करने हेतु आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिया गया।
*प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपरोक्त के अलावे* अपर समाहर्ता चन्द्र भूषण प्रसाद सिंह, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी बिना कुमारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी कमलेश कुमार, विभिन्न प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी-सह-रजिस्ट्रार/रजिस्ट्रार अनुमण्डलीय अस्पताल मधुपुर/रजिस्ट्रार नगर निगम, देवघर/रजिस्ट्रार नगर परिषद, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी के अलावा सभी शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र के निबंधक, एम्स के निबंधक, कम्प्युटर ऑपरेटर, कर्मचारी आदि उपस्थित थे।
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