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योजनान्तर्गत बांस शिल्पियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन

योजनान्तर्गत बांस शिल्पियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन

रवि फिलिप्स  (ब्यूरो चीफ धनबाद)

धनबाद :कार्यालय विकास  आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, हस्तशिल्प सेवा केंद्र, देवघर द्वारा समर्थ SAMARTH (Scheme for the Capacity Building in Textile Sector)  योजनान्तर्गत बांस शिल्पियों के लिए 02 माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन एवं बलियापुर प्रखंड के 50 बांस कारीगरों को उन्नत औजार वितरण कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय विधायक इंदरजीत महतो की पत्नी  तारा देवी , एवं दिलीप कुमार शर्मा , महाप्रबंधक ज़िला उद्योग केंद्र, धनबाद  विशिष्ट अतिथि विक्रांत कुमार, मैनेजर, एच, आर .Hurl, सिंदरी, सीमा सिंह, वैज्ञानिक, के. वी. के, बलियापुर,  एवम श्रीभुवन भास्कर, सहायक निदेशक हस्तशिल्प  द्वारा संयुक्त रूप से किया। सहायक निदेशक द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत घोंघाबाद में निर्मित बांस की कलात्मक शिल्प देकर किया।


मौके पर मौजूद बलियापुर प्रखंड अंतर्गत घोंघाबाद के 29 , सरेसाकुंडी के 06, बेलगरिया के 15 कारीगरों को उन्नत बांस के औजार अथितियों द्वारा नि:शुल्क प्रदान किए गए। कार्यक्रम में हस्तशिल्पियों के बीच विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), भारत सरकार द्वारा संचालित समर्थ योजना के साथ- साथ विभिन्न योजनाओं  जैसे मॉडल प्रोड्यूसर क्लस्टर , शिल्पी पहचान पत्र,  गाँधी शिल्प बाजार, प्रदर्शनी, हस्तशिल्प हेल्पलाइन 1800-208-4800, स्वयं सहायता समूह, ई-कॉमर्स पोर्टल, मुद्रा लोन, इत्यादि विषयों पर विस्तृत इत्यादि पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य अतिथि  तारा देवी ने समर्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम की तारीफ किया और कहा कि आने वाले समय में बांस कारीगरों के लिए घोंघाबाद में वर्कशेड निर्माण का आश्वासन दिया ।  महाप्रबंधक ज़िला उद्योग केंद्र धनबाद ने कहा कि आज के परिदृश्य में हस्तशिल्पियों को विपणन की जरूरत है और ऐसे उत्पाद जन-जन तक पहुँचने चाहिए जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।

सहायक निदेशक हस्तशिल्प श्रीभुवन भास्कर ने कहा कि इस प्रशिक्षण का पूरा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी एवं सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले सभी कारीगरों को दो माह के स्टाइपेंड रूप में पंद्रह हजार रुपए प्रदान किए जाएंगे। योजना की निगरानी और सफलतापूर्वक कार्यान्‍वयन के लिए केंद्रीकृत आधार लिंक्ड बॉयोमेट्रिक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है । प्रोड्यूसर कंपनी की विशेषता बताते हुए विकास कुमार , प्रशिक्षण अधिकारी ने कहा कि इसके बनने से यहाँ के बास कारीगरों को उत्पादन, विपणन, विक्रय और निर्यात करने में सहायता मिलेगी।     कार्यक्रम का सफल आयोजन करने में विभाग के अधिकारी रवि रौशन, टिंकरहाट फाउंडेशन के कुणाल, मुख्यमंत्री बोर्ड के कुमारी नीलू एवं तारकनाथ पाल का सहयोग सराहनीय रहा। कार्यक्रम में बलियापुर प्रखंड के 80 से अधिक बांस शिल्पी उपस्थित रहे।

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